लखनऊ: बजट में उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। बजट ने आउटसोर्सिंग का न्यूनतम मानदेय 20000 निर्धारित किया है। न्यूनतम मानदेय 16 हजार रुपए था। बजट में की गई घोषणा से राज्य में 9 लाख आउटसोर्स कर्मचारी प्रसन्न हैं। बजट से पहले, संयुक्त आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा कि न्यूनतम वेतन को कम से कम 20 हजार रुपये प्रति माह करना चाहिए।
20 फरवरी को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सदन में बजट प्रस्तुत किया। यह बजट अब तक का सबसे बड़ा है। बजट, जो 8 लाख करोड़ से अधिक था, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया। बजट में चार नए एक्सप्रेस-वे, शिक्षा, मेधावी विद्यार्थियों के लिए स्कूटी, वाराणसी, अलीगढ़ और श्रावस्ती एयरपोर्ट का विस्तार, गोरखपुर, विन्ध्याचल और कुशीनगर में नई यूनिवर्सिटी, वाराणसी में होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज, हर विधानसभा में उत्सव भवन, हर जिला मुख्यालय पर श्रमिक अड्डे और लखनऊ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 20 हजार रुपये होना चाहिए
प्रदेश में लगभग 9 लाख कर्मचारियों को बजट में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का न्यूनतम मानदेय 20 हजार रुपये मिलने से खुशी है। इनका न्यूनतम वेतन 16 हजार रुपये था, लेकिन अब 20 हजार रुपये है। इससे आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ ने योगी सरकर से मानदेय बढ़ाने की मांग की। संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मांग की कि विधानसभा के बजट सत्र में लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जाए और उत्तर प्रदेश सरकार का न्यूनतम वेतन कम से कम 20 हजार रूपए किया जाए।
बहुत कम वेतन मिलता था
संघ ने कहा कि राज्य में 8 लाख से अधिक लोग विभिन्न राजकीय विभागों में विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं, जिनके लिए बहुत कम वेतन मिलता है। योगी सरकार की इस घोषणा ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को खुश कर दिया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को सदन में पेश किए गए उत्तर प्रदेश बजट में कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की दिशा में ले जाने का सरकार का लक्ष्य है, जिसमें तेजी से वृद्धि हो रही है।