Vibrant Gujarat Summit || जब मुकेश अंबानी से उसके विदेशी दोस्तों ने पूछा सवाल, कि मोदी है तो मुमकिन है… का क्या है मतलब? मुकेश अंबानी ने बताई तगड़ी परिभाषा,

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सारांश:

Vibrant Gujarat Summit | रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और MD मुकेश अंबानी ने ‘मोदी है तो मुमकिन है’ इन शब्दों के साथ संबोधन की शुरुआत की. उन्होंने आगे कहा- जब मेरे विदेशी दोस्त मुझसे पूछते हैं कि मोदी है तो मुनकिन है का मतलब क्या है तो मैं कहता हूं कि भारत के प्रधानमंत्री एक विजन बनाते हैं और उसे क्रियान्वित करते हैं, वे असंभव को संभव बना देते हैं. मेरे पिता धीरूभाई अंबानी मुझसे कहा करते थे कि गुजरात हमेशा तुम्हारी कर्मभूमि रहेगी. मैं आज दोहराता हूं कि रिलायंस हमेशा गुजरात की कंपनी रहेगी. रिलायंस ने भारत में 12 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिसमें से एक तिहाई निवेश गुजरात में किया है.

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल सम्मेलन (Vibrant Gujarat Global Summit) में देश के कई प्रमुख उद्यमी शामिल हुए। गुजरात में निवेश करने की इच्छा हर उद्योगपति ने व्यक्त की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे, जहां उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे बड़े निवेशक भारत में निवेश कर रहे हैं। क्योंकि वे अब भारत में निवेश करने के लिए बेहतर वातावरण पा रहे हैं। इस कार्यक्रम में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने गुजरात में निवेश को लेकर बड़ा घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अगले दस वर्षों में रिलायंस का राज्य में निवेश जारी रहेगा और 2030 तक गुजरात में ग्रीन एनर्जी का आधा हिस्सा बनाएगा।

इस कार्यक्रम में मुकेश अंबानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अच्छी तरह से प्रशंसा की। अपने भाषण में उन्होंने कहा, “मेरे विदेशी मित्र कहते हैं कि लाखों भारतीय कहते हैं, “मोदी है तो मुमकिन है..।”इसका क्या अर्थ है? मैं उन्हें बताता हूं कि भारत के प्रधानमंत्री एक विजन बनाते हैं और उसे दृढ़ निश्चय के साथ कार्यान्वित करते हैं, जो असंभव को संभव बना देता है। फिर मैं अपने विदेशी दोस्त से कहने लगा कि मोदी है तो संभव है।’

ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स से रोजगार मिलेगा

रिलायंस चेयरमैन ने कहा कि रिलायंस ने जामनगर में 5,000 एकड़ में धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स का निर्माण शुरू कर दिया है, जिससे गुजरात जलवायु परिवर्तन में वैश्विक नेता बन जाएगा। अंबानी का कहना है कि इससे अधिक ग्रीन नौकरियां पैदा होंगी। ग्रीन उत्पादों और अन्य सामग्रियों का उत्पादन भी संभव होगा, जिससे गुजरात को हरित उत्पादों का अग्रणी निर्यातक बनाया जाएगा।