Aaj Ki Baat CAA Kya hei || जानें कितने लोगों को मिलेगी भारत की नागरिकता? || Citizenship Amendment Act
Aaj Ki Baat CAA Kya hei || लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार ने CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलना शुरू हो जाएगी।
Aaj Ki Baat CAA Kya hei || लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार ने CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलना शुरू हो जाएगी। सीएए के नए कानूनों के तहत मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देना अब शुरू कर देगी।
Citizenship Amendment Act (CAA) सोमवार 11 मार्च, 2024 से देशभर में लागू हो गया है। मोदी सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। चार साल बाद क्यों लागू हुआ CAA नागरिकता कानून में संशोधन बिल दिसंबर 2019 में ही संसद से पास हो गया था। जनवरी, 2020 में राष्ट्रपति से मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन नियम न बन पाने के कारण लागू करने में देरी हुई।
कानून बनने के 6 महीने में लागू करना पड़ता है कोई भी कानून बनने के बाद 6 महीने में उसके नियम बनाने होते हैं लेकिन अगर ऐसा न हो पाए तो संसद से समय मांगना पड़ता है। इसके लिए गृह मंत्रालय ने 9 बार एक्सटेंशन की मांग की थी।
CAA के बाद कौन ले पाएगा नागरिकता नागरिकता संशोधन कानून से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलेगी। किसे दी जाएगी भारतीय नागरिकता सीएए कानून के मुताबिक ऐसे लोग जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर बस गए थे, उन्हें ही भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
CAA आने के बाद क्या बदला भारत की नागरिकता के लिए कम से कम 11 साल तक देश में रहना जरूरी है लेकिन सीएए में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिमों को 6 साल में ही नागरिकता दे दी जाएगी। कितने लोगों को मिलेगी नागरिकता नागरिकता संशोधन कानून लागू होते ही 31,313 लोगों को इस कानून के जरिए नागरिकता पाने के योग्य होंगे। 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान-बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिमों की संख्या इतनी ही थी।