Shocking News : सफाईकर्मी बना करोड़पति, खरीदीं 9 लग्जरी गाड़ियां, कमाई का तरीका जान चौंक गए अफसर
न्यूज हाइलाइट्स
Shocking News : उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक चौंकाने वाला मामला हुआ है। देवीपाटन कमिश्नर ऑफिस में काम करने वाला सफाईकर्मी पहले नाजिर बन गया और फिर करोड़ों रुपये का मालिक बन गया। सफाईकर्मी से नाजिर बनने के बाद संतोष जायसवाल बहुत से महंगी गाड़ी मालिक है। आरोप है कि सफाईकर्मी ने फाइलों में हेराफेरी कर करोड़ों रुपये जमा कर लिए हैं। वास्तव में, नगर पालिका परिषद गोंडा में सफाई कर्मचारी संतोष कुमार जायसवाल को पहले कमिश्नर ऑफिस में नाजिर करके महत्वपूर्ण काम सौंपा गया। फिर सफाई कर्मचारी संतोष जायसवाल ने नाजिर के दौरान करोड़ों रुपये की संपत्ति कमाई। उन्होंने लग्जरी कार का मालिक बन गया। सहायक संभागीय परिवहन आयुक्त (प्रशासन) ने गाड़ियों की डिटेल के साथ अपनी जांच रिपोर्ट अपर आयुक्त को भेजी है। उसकी इस कमाई से अधिकारी हैरान हैं। अब प्रशासन सफाईकर्मी के प्रॉपर्टी और बैंक खातों की डिटेल खंगाल में जुटा है।
आयुक्त कार्यालय में संबद्ध सफाईकर्मी को बना दिया नाजिर, फाइलों में हेराफेरी कर बनाई करोड़ों रुपये की संपत्ति
नगर कोतवाली क्षेत्र के पोर्टरगंज का रहने वाला संतोष कुमार जायसवाल नगर पालिका में सफाई कर्मी के पद पर तैनात है। कुछ साल पहले संतोष को आयुक्त कार्यालय से संबद्ध किया गया था। यहां नियमों को दरकिनार कर वह नाजिर बन बैठा और फाइलों में हेराफेरी शुरू कर दी। फाइलों में हेराफेरी कर उसने करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित कर ली। उसने अपने और अपने परिजनों के नाम पर कई लग्जरी वाहन भी खरीद लिए। संतोष के इस खेल से अधिकारी अंजान बने रहे और वह बेफिक्र होकर फाइलों की हेराफेरी करता रहा।
आयुक्त की जांच में खुली पोल तो निलंबित कर दर्ज करायी गयी एफआईआर
फाइलों में हेराफेरी की शिकायत मिलने पर तत्कालीन आयुक्त योगेश्वर राम मिश्र ने इसकी जांच कराई थी तो संतोष जायसवाल के कारनामों का खुलासा हुआ था। कार्यालय में नाजिर के पद पर रहते हुए सफाईकर्मी संतोष द्वारा फाइलों में हेराफेरी कर उन्हे गायब करने और करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की जानकारी सामने आई थी। इसके बाद कमिश्नर के निर्देश पर सफाई कर्मी संतोष जायसवाल को निलंबित कर दिया गया था और उसके खिलाफ नगर कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज कर दी गई थी। आयुक्त ने सदर तहसीलदार देवेंद्र यादव को संतोष जायसवाल की संपत्तियों की जांच करने का भी निर्देश दिया था।
आयुक्त के आदेश पर सदर तहसीलदार ने ARTO से मांगी थी जानकारी
आयुक्त के आदेश पर सदर तहसीलदार ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को चिट्ठी लिखकर संतोष के लग्जरी गाड़ियों के संबंध में जानकारी मांगी थी।वर्तमान कमिश्नर शशि भूषण लाल सुशील ने भी सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को वाहनों के बारे में जांच करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। अब सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन ने अपनी जांच रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
आरोपी सफाई कर्मचारी एक नहीं बल्कि 9-9 लग्जरी गाड़ियों का मालिक निकला है। यह वाहन उसके, उसके भाई और उसकी पत्नी के नाम है। सफाई कर्मचारी संतोष जायसवाल के नीम पर स्विफ्ट डिजायर,अर्टिगा मारुति सुजुकी, महिंद्रा स्कॉर्पियो, टोयोटा इनोवा और महिंद्रा जायलो है,जबकि भाई उमाशंकर जायसवाल के नाम एक अर्टिगा मारुति सुजुकी और पत्नी बेबी जायसवाल के टोयोटा इनोवा गाड़ी खरीदी गई है।
बैंकों से मांगा गया सफाईकर्मी के बैंक खातों का हिसाब
इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद अब अधिकारियों की नजर सफाई कर्मचारी संतोष जायसवाल के प्रॉपर्टी और बैंक खातों पर टिक गई है। उसके बैंक खातों को खंगाला जा रहा हैं। बैंकों से पिछले पांच साल के बीच हुए लेन देन का रिकॉर्ड तलब किया गया है।
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