हिमाचल में इस ​शिक्षकों ने सुक्खू सरकार को दी चेतावनी, मांग पूरी नहीं हुई तो इस दिन होगा पेन डाउन व परिवार सहित सत्याग्रह आंदोलन

Himachal Pradesh SMC Teacher: हिमाचल प्रदेश में एसएमसी अध्यापकों ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को तीस सितंबत तक की चेतावनी दी हुई है। यदि प्रदेश की कांग्रेस सरकार सभी एसएमसी अध्यापकों के पॉलसी का गठन नहीं करती है, तो उसके बाद पूरे पदेश में पैन डाउन व भूख हड़ताल शुरू हो जाएगी। Himachal Pradesh SMC […]

Himachal Pradesh SMC Teacher: हिमाचल प्रदेश में एसएमसी अध्यापकों ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को तीस सितंबत तक की चेतावनी दी हुई है। यदि प्रदेश की कांग्रेस सरकार सभी एसएमसी अध्यापकों के पॉलसी का गठन नहीं करती है, तो उसके बाद पूरे पदेश में पैन डाउन व भूख हड़ताल शुरू हो जाएगी।

Himachal Pradesh SMC Teacher: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में एसएमसी के माध्यम से नियुक्त 2555  शिक्षकों को ३० सितंबर तक नियमित नीति में लाने का सरकार का समय दिया गया है। ऐसा नहीं होने पर शिक्षकों ने 2 अक्तूबर से पेन डाउन हड़ताल और परिवार के साथ सत्याग्रह आंदोलन पर जाने की चेतावनी दी है। शिक्षकों का कहना है कि दूरदराज के स्कूलों में 2012 से निरंतर सेवाएं देने के बावजूद शोषण हो रहा है। SAMC शिक्षकों ने पीटीए, पैट, पैरा और उर्दू-पंजाबी पीरियड आधार पर लगे शिक्षकों के लिए नियमित नियमों की मांग की है।

Himachal Pradesh SMC Teacherने शिक्षा सचिव को एक अल्टीमेटम दिया :
एसएमसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा, उपाध्यक्ष निर्मल ठाकुर, महासचिव बेला राम वर्मा, सचिव वेद प्रकाश ठाकुर और सुरेश चौहान ने मंगलवार को राजधानी शिमला के प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता में कहा कि संघ ने शिक्षा सचिव को एक अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना था कि 2012 से प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में 2555 एसएमसी शिक्षक काम कर रहे हैं। सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई, इसलिए वे अभी भी शोषण के शिकार हैं।

सरकार ने कई श्रेणी के शिक्षकों को बहुत कम समय में नियमित किया है। SMC शिक्षक बहुत कम वेतन पर शिक्षा विभाग में सभी काम कर रहे हैं। उनका कहना था कि प्रदेश में सैकड़ों स्कूल सिर्फ एसएमसी शिक्षकों से चल रहे हैं। उनका कहना था कि शिक्षा विभाग को 30 सितंबर तक समय दिया गया है कि एसएमसी शिक्षकों को नियमित नीति में शामिल किया जाए। ऐसा नहीं करने पर एसएमसी शिक्षक दो अक्तूबर से अपने परिवार और बच्चों के साथ सत्याग्रह, धरना प्रदर्शन और पेन डाउन स्ट्राइक करने के लिए मजबूर होंगे।