'वोट चोरी' जैसे गंदे शब्द... राहुल गांधी पर भड़का चुनाव आयोग, कहा- 'यह करोड़ों वोटर्स पर हमला

चुनाव आयोग का करारा जवाब: "यह करोड़ों वोटर्स का अपमान
कांग्रेस नेता Rahul Gandhi द्वारा वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और 'वोट चोरी' जैसे गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद चुनाव आयोग (Election Commission) ने एक कड़ा बयान जारी किया। आयोग ने राहुल गांधी के शब्दों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि वोट चोरी’ जैसे गंदे शब्दों का इस्तेमाल कर झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश करना करोड़ों भारतीय वोटर्स पर सीधा हमला है। ऐसे आरोप उन लाखों चुनावकर्मियों की ईमानदारी पर भी चोट हैं जो निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं।"
सबूत हैं तो शपथ-पत्र के साथ आएं
आयोग यहीं नहीं रुका। उसने आरोपों को साबित करने की खुली चुनौती भी दी। आयोग ने कहा कि अगर किसी भी चुनाव में किसी व्यक्ति ने दो बार मतदान किया है, तो सिर्फ बयानबाजी करने के बजाय, एक शपथ-पत्र के साथ निर्वाचन आयोग को ठोस सबूत सौंपने चाहिए। आयोग ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह निराधार आरोपों को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी संवैधानिक प्रतिष्ठा पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने देगा।
क्या थे राहुल गांधी के आरोप?
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब Rahul Gandhi ने 12 अगस्त को मीडिया से बात करते हुए और एक कार्यक्रम के दौरान वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगाए। उन्होंने कहा था कि यह सिर्फ एक सीट की बात नहीं है, बहुत सारी सीटों पर ऐसा हो रहा है। यह राष्ट्रीय स्तर पर, सिस्टमैटिक तरीके से किया जा रहा है। चुनाव आयोग यह जानता है, हम भी जानते हैं। पहले हमारे पास सबूत नहीं थे, लेकिन अब हमारे पास इसके स्पष्ट सबूत हैं। राहुल ने खुद को संविधान के रक्षक के तौर पर पेश करते हुए कहा, हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं। 'एक व्यक्ति, एक वोट' (One Man, One Vote) संविधान की नींव है और चुनाव आयोग की यह ड्यूटी है कि वह इसे लागू कराए, लेकिन उन्होंने अपनी ड्यूटी नहीं निभाई। यह पूरा मामला अब एक बड़े राजनीतिक टकराव का रूप ले चुका है, जहां एक तरफ देश की सबसे पुरानी पार्टी के सबसे बड़े नेता चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए मैदान में उतर आया है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस अपने दावों के समर्थन में क्या सबूत पेश करती है और यह राजनीतिक लड़ाई आगे क्या मोड़ लेती है।