Modi Himachal Visit: इन कई राज्यों में हालात बेकाबू, जल्द हिमाचल का दौरा करेगें PM मोदी, तबाही का लेगें जायजा

उत्तर भारत में मॉनसून की विनाशकारी बारिश से मची तबाही के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जल्द ही बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे और जमीनी हकीकत का जायजा लेंगे।

Modi Himachal Visit:  नई दिल्ली: उत्तर भारत के कई राज्यों में मॉनसून (Monsoon Fury) इस साल कहर बनकर टूटा है। भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा में भयानक तबाही मचाई है। इस विनाशकारी आपदा के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए जल्द ही प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे।

तबाही का जायजा लेंगे प्रधानमंत्री
न्यूज एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि प्रधानमंत्री मोदी कुछ बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करने की योजना बना रहे हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब हिमाचल और उत्तराखंड जैसी राज्य सरकारें इस संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज और केंद्रीय कोष की मांग कर रही हैं। पीएम मोदी का यह दौरा न केवल स्थिति की गंभीरता को समझने में मदद करेगा, बल्कि राहत और बचाव कार्यों में भी तेजी लाएगा।

उत्तर भारत में हालात बेकाबू, 500 से ज्यादा मौतें
इस साल मॉनसून ने उत्तर भारत में दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हिमाचल प्रदेश में स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है। राज्य के सभी 12 जिलों में भारी तबाही हुई है। पिछले कुछ दिनों में ही ताजा भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और घर गिरने की घटनाओं में दर्जनों लोगों की मौत हो गई है। उत्तराखंड और पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ ने ज्यदा नुकसान किया हुआ है। नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है और हजारों लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। सड़कें बह गई हैं, हाईवे बंद हैं और कई शहर और गांव देश के बाकी हिस्सों से कट गए हैं। कई राज्य दशकों में अपनी सबसे खराब मौसम आपदाओं में से एक का सामना कर रहे हैं, जिससे सामान्य जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रधानमंत्री के दौरे से इन राज्यों को जल्द ही केंद्रीय मदद मिलने की उम्मीद बंधी है।

20 जून से 355 लोगों की मौत

हिमाचल प्रदेश में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के आंकड़ों से पता चलता है कि 20 जून से अब तक 355 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 194 लोगों की मौत भूस्खलन, अचानक बाढ़, डूबने और बिजली गिरने जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं में हुई है। साथ ही 161 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है। वहीं, 416 लोग घायल हुए हैं, जबकि 49 लोग लापता हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िलों में मंडी (58), कांगड़ा (50), चंबा (43), शिमला (38) और कुल्लू (31) शामिल हैं।