HIMCARE YOJANA ll हिमाचल में प्राइवेट अस्पतालों में बंद हुई हिमकेयर योजना, प्रदेश की जनता को सुक्खू सरकार ने दिया बड़ा झटका
सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए हिमकेयर योजना को बंद करने का फैसला लिया है. निजी अस्पतालों की बढ़ती देनदारी को चुकाने में खुद को असमर्थ पाकर सरकार ने यह कदम उठाया है
सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कैबिनेट बैठक में इस बात पर भी चर्चा की थी कि क्या सरकारी कर्मचारियों को हिमकेयर कार्ड की सुविधा मिलनी चाहिए।कैबिनेट में इस बात पर सहमति बनी कि अब सरकारी कर्मचारियों के लिए भी हिमकेयर कार्ड बंद कर दिया जाएगा।सरकार के ध्यान में यह तथ्य आया
शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए हिमकेयर योजना को बंद करने का फैसला किया है।सरकार को निजी अस्पतालों की भारी देनदारियों का भुगतान (pay) करने में पसीना आ रहा था। कैबिनेट में इस विषय पर गहन मंथन के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू (sukhvinder singh Sukhu) के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने निजी स्वास्थ्य संस्थानों में इसे बंद करने का निर्णय लिया है।हिमकेयर योजना 2019 में पिछली जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई थी। हालांकि हिमाचल के लोगों को केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का लाभ मिल रहा था, लेकिन जो लोग आयुष्मान योजना के दायरे में नहीं थे, उनके लिए पूर्व भाजपा सरकार ने हिमकेयर योजना (himcare scheme) शुरू की थी।
अब सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने निजी अस्पतालों की बढ़ती देनदारी का भुगतान करने में खुद को असमर्थ पाकर इसे निजी अस्पतालों के लिए बंद करने का फैसला किया है।यानी सरकार अब निजी अस्पतालों में हिमकेयर योजना नहीं चलाएगी। हिमकेयर कार्ड धारक अब निजी अस्पतालों hospitals) में इलाज नहीं करा पाएंगे।आम लोगों के लिए यह बड़ा झटका होगा।
हिमाचल प्रदेश में जो लोग किसी कारणवश सरकारी अस्पतालों (government hospital) में इलाज नहीं करवा पाते थे, वे निजी अस्पतालों में जाकर हिमकेयर योजना का लाभ उठाते थे।इसके तहत पांच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज किया जा रहा है। हिमकेयर कार्ड हिमाचल प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश के बाहर 141 निजी स्वास्थ्य संस्थानों (health institute) में क्रियाशील है।सरकार ने इलाज का खर्च उठाया।292 सरकारी और निजी अस्पताल हैं जहां हिमकेयर कार्ड सुविधा उपलब्ध है।यदि वे समय-समय पर निजी अस्पतालों को भुगतान नहीं करते तो हिमकेयर कार्ड (himcare card) काम नहीं करते।सरकार समय पर बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रही है।सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। भुगतान की गई राशि बहुत अधिक थी।100 करोड़ रूपये पहले ही खर्च किये जा चुके हैं।वर्तमान में हिमकेयर योजना के तहत सरकार पर 350 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है।हिमाचल प्रदेश में हिमकेयर योजना के तहत लगभग 31 लाख कार्ड बनाए जा चुके हैं।
सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कैबिनेट बैठक (cabinet meeting) में इस बात पर भी चर्चा की थी कि क्या सरकारी कर्मचारियों को हिमकेयर कार्ड की सुविधा मिलनी चाहिए।कैबिनेट में इस बात पर सहमति बनी कि अब सरकारी कर्मचारियों के लिए भी हिमकेयर कार्ड बंद कर दिया जाएगा।सरकार के ध्यान में यह तथ्य आया था कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी (government employees) है तो उसके परिवार में कहीं न कहीं उसकी पत्नी के नाम पर भी हिमकेयर कार्ड बना हुआ है।सरकारी कर्मचारियों को वैसे भी चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा मिलती है।अब जांच में पता चला कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी ने हिमकेयर कार्ड बनवाया है तो उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा।
स्क्रीनिंग उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा की जाएगी
सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस मुद्दे पर एक और कैबिनेट उप-समिति (sub committee) गठित की है।समिति की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री करेंगे।हालांकि यह उप-समिति स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए बनाई गई है, लेकिन यह मुफ्त स्वास्थ्य कार्ड से जुड़ी योजनाओं की भी समीक्षा करेगी।सुखविंदर सिंह सरकार ने समिति (samit) में चार और मंत्रियों को शामिल किया है।इनमें स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार और आयुष मंत्री यादविंदर सिंह गोमा शामिल हैं।