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हिमाचल का यह होनहार महज 7 साल की उम्र में बना सर्जन, 12 में पास किया B.Sc, अब IIT में कर रहा रिसर्च, जानें कौन है ये जीनियस

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न्यूज हाइलाइट्स

India Most Intelligent Boy: 7 साल की उम्र में हिमाचल प्रदेश में एक बच्चा चिकित्सा क्षेत्र में नाम रोशन कर रहा था, जबकि अधिकांश बच्चे प्राथमिक स्कूल में बेसिक पढ़ाई कर रहे हैं। 7 वर्षीय जायसवाल, हिमाचल प्रदेश के नूरपुर का निवासी, ने आग से जले 8 वर्षीय पीड़ित के हाथों की सर्जरी करके पूरी दुनिया का दिल जीत लिया। जब वह महज 12 साल की उम्र में देश का “सबसे कम उम्र का विश्वविद्यालय छात्र” बन गया, तो यह लड़का फिर से चर्चा में आ गया। उसका आईक्यू मात्र 13 साल की उम्र में 146 था, जो उसके हमउम्र लड़कों से बहुत अधिक था। इतनी छोटी उम्र में जायसवाल ने दुनिया भर में प्रसिद्धि हासिल की थी। यही कारण था कि उसे अमेरिका की प्रसिद्ध होस्ट ओपरा विन्फ्रे द्वारा आयोजित दुनिया के सबसे प्रसिद्ध टॉक शो में भी आमंत्रित किया गया था।

कहते हैं न.. ‘पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं’ वैसे ही अकृत जायसवाल के अद्वितीय गुणों के लक्षण बचपन में ही दिख गए थे. उसके परिवार के मुताबिक, महज 10 महीने की उम्र में वह चलना बोलना सीख गया था. मात्र 2 साल की उम्र से उसने पढ़ना-लिखना शुरू कर दिया. 5 साल की उम्र से उसने अंग्रेजी क्लासिक्स नावेल पढ़ना शुरू कर दिया था और 7 साल की उम्र में तो उसने एक असाधारण उपलब्धि प्राप्त कर ली थी, जिसने पूरी दुनिया को चकित कर दिया था. धर्मशाला के माध्यमिक शिक्षा (Secondary Education) के अध्यक्ष ने अकृत को काफी कम उम्र में मेडिकल जीनियस बनने के बाद मार्गदर्शन और सपोर्ट दिया। उन्होंने उसे महज 12 साल की उम्र में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में विज्ञान की पढ़ाई के लिए दाखिला दिलवाया। 17 साल की उम्र में वह एप्लाइड केमिस्ट्री में मास्टर डिग्री हासिल की थी।

खोज रहे हैं कैंसर का इलाज
आखिरकार, अकृत को अपने लक्ष्य को पाने का मौका मिला. शुरू से ही वह कैंसर का इलाज खोजना चाहता था. उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IIT Kanpur) में आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया है. फ़िलहाल वह यहां बायोइंजीनियरिंग (Bioengineering) की पढ़ाई कर रहे हैं.