MGNREGA Daily Wage: इस राज्य में मनरेगा मजदूरों को मिलती है सबसे ज्यादा दिहाड़ी, केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार गरीबों पर है मेहरवान

MGNREGA Daily Wage :

MGNREGA Daily Wage : नई दिल्ली:  मनरेगा ग्रामीणों की आय का एक साधन है। मनरेगा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की कमी के कारण आकर्षक है। 2005 में यूपीए सरकार ने नरेगा कानून बनाया था। इसका लक्ष्य था देश के गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारना और आर्थिक असमानता को कम करना। नरेगा में लोगों को पांच किलोमीटर के दायरे में काम मिलना था। नरेगा अकुशल क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को 100 दिन का रोजगार देता है। इस योजना का लाभ देश के सभी राज्यों में ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों को मिलता है।

केंद्रीय सरकार मनरेगा को बजट से पैसा देती है। योजना के तहत मजदूरी अलग-अलग होती है। मनरोगा मजदूरी कुछ राज्यों में 250 रुपये से भी कम है, लेकिन कई राज्यों में 300 से अधिक है। राज्य सरकारें मजदूरी निर्धारित करती हैं। हरियाणा में यह सबसे अधिक पारिश्रमिक है। यहां एक कर्मचारी को 374 रुपये प्रति दिन मिलता है, वहीं अरुणाचल प्रदेश में सबसे कम 234 रुपये मिलते हैं।

केंद्रीय सरकार ने वेतन बढ़ाया

केंद्र सरकार ने 2024 से 25 तक मनरेगा कर्मचारियों का वेतन बढ़ा दिया। केंद्र सरकार के फैसले के बाद गोवा में मजदूरी दर में 10.56 प्रतिशत की सर्वाधिक वृद्धि हुई। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सबसे कम 3.4% की वृद्धि हुई। 1 अप्रैल से नई दरें लागू हो गए है। सरकार की इस कार्रवाई से राज्यों में मनरेगा कर्मचारियों की औसत मजदूरी 261 से 289 रुपये प्रतिदिन हो गई है। सरकार के इस निर्णय से देश भर में लाखों कर्मचारी लाभान्वित हुए हैं। अब तक, देश के करोड़ों लोगों को मनरेगा योजना का लाभ मिला है। आज हम आपको बताएंगे कि मनरेगा योजना में किस राज्य के कर्मचारियों को कितना वेतन मिलता है। नीचे इसकी राज्यवार सूची भी है।

हिमाचल प्रदेश में 300 रुपये प्रतिदिन

हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने मनरेगा की दिहाड़ी को चालू वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से 240 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया है। ऐसे में मनरेगा में काम करने पर ग्रामीणों को घर पर 300 रुपये दिहाड़ी मिल रही है। 14 दिन काम करने पर खाते में 4200 रुपये आ जाएंगे। हिमाचल प्रदेश में चालू वित्त वर्ष के चार महीनों में ग्रामीणों ने 144 लाख कार्य दिवस बनाए हैं।

मार्च 2024 तक भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के तहत राज्यों में मिलने वाली मजदूरी या दिहाड़ी को बढ़ा दिया। 

 

क्र.सं.राज्य

मनरेगा मजदूरी 2023-24 (रु.)

मनरेगा मजदूरी 2024-25 (रु)

बढ़ोतरी प्रतिशत में
1.आंध्र प्रदेश27230010.3
2.अरुणाचल प्रदेश2242344.5
3.असम2382494.6
4.बिहार2282457.5
5.छत्तीसगढ22124310.0
6.गोवा32235610.6
7.गुजरात2562809.4
8.हरियाणा3573744.8
9.हिमाचल प्रदेश

गैर अनुसूचित क्षेत्र: 224

अनुसूचित क्षेत्र: 280

वर्तमान में 300 
10.जम्मू और कश्मीर2442596.1
11।लद्दाख2442596.1
12.झारखंड2282457.5
13.कर्नाटक31634910.4
14.केरल3333463.9
15.मध्य प्रदेश22124310.0
16.महाराष्ट्र2732978.8
17.मणिपुर2602724.6
18.मेघालय2382598.8
19.पंजाब3033226.3
20.नगालैंड2242344.5
21.ओडिशा2372547.2
22.मिजोरम2492666.8
23.राजस्थान2552664.3
24.सिक्किम2362495.5
25.तमिलनाडु2943198.5
26.तेलंगाना27230010.3
27.त्रिपुरा2262427.1
28.उतार प्रदेश।2302373.0
29.उत्तराखंड2302373.0
30.पश्चिम बंगाल2372505.5
31.अंडमान और निकोबार

अंडमान: 311

निकोबार: 328

अंडमान: 329

निकोबार: 347

5.7
32.दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव2973249.1
33.लक्षद्वीप3043153.6
34.पुदुचेरी2943198.5