खुशखबरी! हिमाचल के सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर, वित्त विभाग ने जारी किए ये आदेश
राज्य सरकार ने रिटायर होने के बाद फिर से नौकरी पाने वालों के लिए पदनाम व मानदेय का निर्धारण किया है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारियों (retired employees) के लिए अहम खबर है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुनः नियुक्ति पर अंतिम मूल वेतन का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। वित्त विभाग के निर्देशों के तहत पुनर्नियुक्ति पाने वालों को डीए नहीं दिया जाएगा। सुखविंदर सुक्खू सरकार (sukhvinder Sukkhu government) ने सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाओं के लिए नए नियम और शर्तें तय कर दी हैं। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने पुनर्नियुक्ति के लिए नियम और शर्तों को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं।हिमाचल वित्त विभाग (finance department) के आदेश के अनुसार सभी सरकारी विभागों में पुनः नियोजित कर्मचारी अंतिम मूल मासिक का 40% और इंजीनियर, डॉक्टर, प्रशासनिक सेवाएं और सचिवालय मंत्रालयिक स्टाफ यानी निजी सचिव मूल मासिक का 50% रख सकेंगे।विभाग अब इससे अधिक वेतन नहीं दे सकेगा। यह वित्त विभाग से मंजूरी के बाद ही किया जा सकेगा। सेवानिवृत्त कर्मचारियों (retired employees) को उन विशिष्ट पदों पर पुनः नियोजित किया जा सकता है जहां नियमित रिक्तियां उपलब्ध नहीं हैं।नियम ये हैं
नए आदेशों में चौथी श्रेणी के तहत मल्टी टास्क वर्कर, तीसरी श्रेणी के तहत ऑफिस असिस्टेंट (office assistant) दूसरी और पहली श्रेणी के तहत वर्क सुपरवाइजर के लिए अंतिम बेसिक का चालीस प्रतिशत मासिक राशि तय की गई है। इन पदों के लिए पारिश्रमिक श्रेणी तक के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अंतिम आहरित मूल वेतन का 50% होगा। इन पदों में चतुर्थ श्रेणी मल्टी टास्क वर्कर, तृतीय श्रेणी ऑफिस असिस्टेंट (office assistant) और प्रथम और द्वितीय श्रेणी वर्क सुपरवाइजर शामिल हैं।
ये रहेंगे नियम शर्ते
- नए आदेशों में चुतर्थ श्रेणी के तहत मल्टी टास्क वर्कर, तृतीय श्रेणी के तहत कार्यालय सहायक, द्वितीय व प्रथम श्रेणी के तहत कार्य पर्यवेक्षक के लिए अंतिम बेसिक का चालीस प्रतिशत निश्चित मासिक राशि निर्धारित की गई है।
- इससे अधिक किसी को भी कोई भी विभाग मासिक राशि प्रदान नहीं कर सकेगा। इन पदों के लिए पारिश्रमिक श्रेणी एक से श्रेणी 3 तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अंतिम प्राप्त मूल वेतन का 50% देय होगा।
- इनमें चतुर्थ श्रेणी के मल्टी टास्क वर्कर, तृतीय श्रेणी के कार्यालय सहायक और प्रथम व द्वितीय श्रेणी वाले वर्क सुपरवाइजर जैसे पद भी शामिल हैं। डॉक्टर, इंजीनियर और सलाहकार जैसी विशेष श्रेणियों के लिए 50% तक सीमित होगा। इस तरह की पुनर्नियुक्ति का कार्यकाल सरकार की ओर से निर्धारित किया जाएगा और 1 बार में 1 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
- रिटायरमेंट के बाद पुन: नियुक्ति एक साल के लिए होगी. इन्हें खाली पदों पर नियुक्ति दी जाएगी। प्रत्येक पुन: नियुक्ति से पहले वित्त विभाग की अनुमति लेनी होगी, इन कर्मचारियों अथवा अधिकारियों को आउटसोर्स की तर्ज पर ही टीए, डीए के अलावा अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
- यदि सेवाओं की आवश्यकता नहीं है तो सरकार को अवधि समाप्त होने से पहले अनुबंध समाप्त करने का अधिकार सुरक्षित है। निर्धारित पारिश्रमिक पर कोई DA देय नहीं होगा। ये आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए लागू मानदंडों के अनुसार टीए, डीए और छुट्टी के हकदार होंगे।