Himachal weather || शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब ठंड ने अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। पहाड़ों से लेकर मैदानों तक तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। राज्य के जनजातीय इलाकों में तो हालात ऐसे हैं कि वहां सब कुछ जमने लगा है। लाहौल-स्पीति घाटी के कुकुमसैरी में बीती रात सबसे कम तापमान माइनस 6.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं चंबा के पांगी में भी लगातार ठंड का प्रकोप जारी है। इस हाड़ कंपा देने वाली cold wave in Himachal ने जनजीवन को खासा प्रभावित किया है।
मौसम विभाग ने प्रदेश के निचले इलाकों के लिए विशेष चेतावनी जारी की है। सोलन, कांगड़ा, बिलासपुर, ऊना और मंडी समेत 6 जिलों में सुबह और रात के समय घने कोहरे की चादर छाई रहेगी। कोहरे के कारण विजिबिलिटी 100 मीटर से भी कम हो सकती है, जिससे सड़कों पर गाड़ियां चलाना जोखिम भरा हो सकता है। प्रशासन ने इस dense fog warning को देखते हुए वाहन चालकों को हेडलाइट का इस्तेमाल करने और धीमी गति से गाड़ी चलाने की सलाह दी है।
तापमान के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश भर में सिहरन बढ़ गई है। राजधानी शिमला में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि ऊना में 5.7, पालमपुर में 5 और सोलन में पारा लुढ़ककर 3.8 डिग्री पर आ गया है। वहीं, मनाली, कल्पा और रिकांगपियो जैसे पर्यटन स्थलों पर तापमान जमाव बिंदु यानी 0 डिग्री के आसपास मंडरा रहा है। मनाली में 2.7 डिग्री और कल्पा में 0 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। पर्यटकों को सलाह दी गई है कि वे गर्म कपड़ों के साथ ही अपनी minimum temperature update चेक करके यात्रा प्लान करें।
राहत की बात यह है कि अगले पांच दिनों तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है, यानी भारी बारिश या बर्फबारी की संभावना कम है। हालांकि, मौसम विज्ञान केंद्र ने भविष्यवाणी की है कि 14 दिसंबर को एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। इसके असर से ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी और बारिश देखने को मिल सकती है। यह Western Disturbance forecast उन पर्यटकों के लिए खुशखबरी हो सकती है जो बर्फबारी का दीदार करने के लिए पहाड़ों का रुख कर रहे हैं।

