मंडी: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार के तीन साल पूरे होने पर मंडी के पड्डल मैदान में आयोजित विशाल रैली जहां सरकार की उपलब्धियों का मंच बनी, वहीं इस आयोजन ने कांग्रेस के भीतर की राजनीति भी साफ उजागर कर दी है। रैली के बड़े-बड़े पोस्टरों में राष्ट्रीय नेताओं सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तस्वीरें थीं, लेकिन छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह की फोटो पूरी तरह गायब रही। इससे राजनीतिक हलकों में सवाल उठने लगे हैं। मंच के पीछे लगे पोस्टरों में महात्मा गांधी से लेकर अंबेडकर और नेहरू तक की तस्वीरें मौजूद थीं, मगर वीरभद्र सिंह का अभाव हर किसी का ध्यान खींचता रहा।
इसी बीच कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह और उनकी माता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की रैली से गैरमौजूदगी भी चर्चा में रही। हालांकि दोनों लंदन में हैं, जहां 12 दिसंबर को ब्रिटिश संसद परिसर में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से विक्रमादित्य को ‘यूथ एंड आइकन अवार्ड’ दिया जाएगा। हालांकि अनुपस्थिति की वजह आधिकारिक है, लेकिन रैली के राजनीतिक माहौल के कारण इसे केवल व्यस्तता मानकर नजरअंदाज करना आसान नहीं है। वहीं हिमाचल कांग्रेस में लंबे समय से वीरभद्र गुट और सुक्खू गुट के बीच खींचतान जारी है। सरकार बनने के बाद से ही तनाव कई बार खुलकर सामने भी आया है। संगठनात्मक फेरबदल के बाद भी समीकरण बदले, जहां वीरभद्र गुट से सिर्फ विक्रमादित्य ही सरकार में पद पर हैं। ऐसे में रैली से वीरभद्र सिंह की तस्वीर हटना और उनका परिवार कार्यक्रम से दूर रहना, इस अंदरूनी राजनीति की ओर संकेत देता है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यह सब महज संयोग है या फिर कांग्रेस नेतृत्व का संकेत है कि पार्टी अब नए चेहरे और नए दौर की ओर बढ़ रही है।
क्या करवट ले रही है हिमाचल कांग्रेस?
हिमाचल कांग्रेस में सुक्खू गुट और वीरभद्र गुट के बीच की रस्साकशी किसी से छिपी नहीं है। सरकार बनने के बाद से ही कई मौकों पर यह तनाव खुलकर सामने आया है। अब जब सरकार अपने तीन साल पूरे कर चुकी है, तो ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व नए चेहरों और नए दौर की ओर बढ़ने का संकेत दे रहा है। संगठनात्मक फेरबदल के बाद भी वीरभद्र खेमे से केवल विक्रमादित्य सिंह ही सरकार में मजबूत पद पर हैं। ऐसे में रैली से वीरभद्र सिंह की तस्वीर का हटना और उनके परिवार का कार्यक्रम से दूर रहना, internal factionalism की खबरों पर मुहर लगाता दिख रहा है। अब देखना होगा कि इस ‘तस्वीर’ विवाद पर होली लॉज (वीरभद्र परिवार का आवास) की क्या प्रतिक्रिया आती है।

