GST Council: त्योहारों से पहले आम आदमी को बड़ी राहत! मोदी सरकार ने दी बड़ी खु्शखबरी

GST Council Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में आम आदमी, किसानों और मिडिल क्लास को बड़ी राहत देने वाले कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। इस बैठक में GST की दरों में बड़ा बदलाव करते हुए कई जरूरी सामानों और सेवाओं पर टैक्स घटा दिया गया है।

GST Council:  जीएसटी काउंसिल ने उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। जिसकी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी। काउंसिल ने बायो-पेस्टिसाइड, प्राकृतिक मेंथॉल, हथकरघा और श्रम आधारित उत्पादों पर टैक्स को घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। इसके साथ ही, किसानों के लिए उनके उत्पादों में टैक्स की दरों को कम कर दिया है। इसके अलावा, मिडिल क्लास को राहत देने के लिए सीमेंट पर भी टैक्स कम किया जा रहा है। नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। चलिए, इस वीडियो में बात करते हैं कि आखिर क्या कुछ सस्ता होने वाला है और क्या कुछ महंगा होने वाला है। आम आदमी को क्या कुछ लाभ होने वाला है। दरअसल, 12 बायो-पेस्टिसाइड, प्राकृतिक मेंथॉल, किसान के लिए उनके उत्पादों में टैक्स की दरों को कम किया गया है। इसके अलावा, हथकरघा और श्रम आधारित उत्पादों जैसे संगमरमर, ग्रेनाइट ब्लॉक और इंटरमीडिएट चमड़े के आइटम पर भी टैक्स 5 फीसदी किया जा रहा है।

सीमेंट पर टैक्स कम किया जा रहा है क्योंकि मिडिल क्लास के लिए घर बनाने में सीमेंट सबसे ज्यादा आवश्यक है। वहीं, नजर के चश्मों पर जीएसटी 28 से घटाकर 5 फीसदी किया जा रहा है। 33 जीवन बचाने वाली दवाओं पर टैक्स 12 फीसदी से शून्य किया जा रहा है। कैंसर, गंभीर क्रोनिक बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली तीन और दवाओं पर टैक्स 5 से शून्य प्रतिशत किया जा रहा है। भारत में छोटी कारों और मोटरसाइकिल खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए भी बड़ी खुशखबरी है क्योंकि त्योहारों का सीजन आ रहा है, नवरात्रि आ रही है, दिवाली आ रही है, धनतेरस आ रहा है और अपने घर में कई लोग नया वाहन लेकर आते हैं। तो उससे पहले, एक आम आदमी के लिए एक नया वाहन खरीदने की सोचने वाले के लिए बड़ी खबर सामने आई है, खुशखबरी सामने आई है।

जीएसटी काउंसिल ने टैक्स दरों में बड़ा बदलाव करते हुए एक नया टू-टियर, दो स्तर वाला जीएसटी स्ट्रक्चर लागू किया है, जो 22 सितंबर से प्रभावी होगा, जैसा पहले बताया। इस फैसले के बाद कई जरूरी सामान और गाड़ियां पहले से सस्ती हो जाएंगी। काउंसिल के इस ऐतिहासिक फैसले में टीवी, छोटी कारें, प्रोसेस्ड फूड और रोजमर्रा के जरूरी सामान पर टैक्स घटा दिया गया है। दरअसल, सरकार का मकसद है कि आने वाले त्योहारों के सीजन से पहले मांग बढ़े और लोगों को राहत मिले, जैसा वित्त मंत्री सीतारमण ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा। ए-जीएसटी रेट स्ट्रक्चर में बड़ी राहत दी गई है। अब 350cc तक की बाइक्स और छोटी कारों पर टैक्स 10 प्रतिशत घटा दिया गया है। पहले इन पर 28 प्रतिशत टैक्स लगता था, लेकिन अब ये 18 प्रतिशत स्लैब में आ गए हैं।

वहीं, 350 से ज्यादा इंजन वाली बाइक्स को लग्जरी गुड्स माना जाएगा और उन पर नया 40 प्रतिशत स्लैब लागू होगा। ये बदलाव 22 सितंबर से लागू होगा, यानी ग्राहकों को सीधा फायदा मिलेगा और गाड़ियों की कीमतें घटेंगी। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए फिलहाल कोई नई दर लागू नहीं की गई है। सभी EV वाहनों पर अब भी 5 प्रतिशत स्लैब में ही रहेंगे, जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट को राहत मिलेगी।

अब बात करते हैं छोटी कार…

छोटी कार किसे कहा जाएगा? दरअसल, नई परिभाषा के मुताबिक अब छोटी कार वही होगी जिसकी लंबाई 4000 मिलीमीटर से ज्यादा ना हो और जिसमें या तो 1200cc तक का पेट्रोल इंजन हो या फिर 1500cc तक का डीजल इंजन। इन कारों पर पहले 28 प्रतिशत जीएसटी लगता था, लेकिन अब टैक्स घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। यानी, ग्राहकों को इन गाड़ियों पर सीधी राहत मिलेगी।

बड़ी बाइक्स महंगी होंगी, जैसा पहले बताया।

350cc से ज्यादा इंजन वाली बाइक्स अब पहले से ज्यादा महंगी होंगी। पहले इन पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता था और साथ ही 3 से 5 प्रतिशत सेस भी जुड़ जाता था, यानी कुल टैक्स लगभग 32 प्रतिशत हो जाता था। लेकिन अब नया नियम लागू होने के बाद, इन पर सीधे 40 प्रतिशत का फ्लैट टैक्स लगेगा। यानी, पहले से ज्यादा बोझ गाड़ियों के दाम पर पड़ेगा, जो कि 350cc से ज्यादा पावर की गाड़ियां हैं।

अब बात करते हैं कि बड़ी कारों पर क्या असर होगा। जो कारें छोटी कार की परिभाषा में नहीं आतीं, उन पर अब 40 प्रतिशत टैक्स लगेगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि टैक्स पहले से ज्यादा हो गया है। पहले इन पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ करीब 15 प्रतिशत का सेस लगता था, यानी कुल मिलाकर लगभग 42 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता था। अब इसकी जगह सीधे 40 प्रतिशत का फ्लैट टैक्स लगेगा, इसका फायदा ग्राहकों को होगा क्योंकि कुल टैक्स का बोझ थोड़ा कम हो जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी सुधार’ बताया। उनके मुताबिक, इस फैसले से न सिर्फ टैक्स सिस्टम आसान होगा, बल्कि आम लोगों और इंडस्ट्री को भी बड़ी राहत मिलेगी। ऑटोमोबाइल और FMCG जैसे सेक्टर्स, जो भारी टैक्स बोझ के चलते डिमांड स्लोडाउन झेल रहे थे, अब इस फैसले से फिर से रफ्तार पकड़ सकते हैं।