Dussehra 2023: दशहरा पर इस पक्षी के दर्शन करने से चमक जाएगी आपकी किस्मत, पुराणों में है विशेष महत्व
Dussehra 2023: आज देशभर में विजयादशमी का उत्सव मनाया जा रहा है। यह पर्व रावण पर भगवान राम की जीत, बुराई पर सच् चाई की जीत, के सम्मान में मनाया जाता है। आज नवरात्र और दुर्गापूजा भी नहीं होती। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने देशवासियों को विजशदशमी की बधाई दी राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा […]
Dussehra 2023: आज देशभर में विजयादशमी का उत्सव मनाया जा रहा है। यह पर्व रावण पर भगवान राम की जीत, बुराई पर सच् चाई की जीत, के सम्मान में मनाया जाता है। आज नवरात्र और दुर्गापूजा भी नहीं होती।
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने देशवासियों को विजशदशमी की बधाई दी
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि दशहरा बुराई पर भलाई की विजय का पर्व है। उन् होंने यह भी कहा कि देश के पूर्वी और दक्षिणी भागों में दशहरे को महिषासुर राक्षस पर देवी दुर्गा की जीत के रूप में मनाया जाता है, जबकि उत्तरी और पूर्वी भागों में इसे रावण पर भगवान राम की जीत के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रपति ने कहा कि दशहरा बुराई के प्रतीक अहंकार और नकारात्मकता से छुटकारा पाने की शिक्षा देता है और एकता और सभी के प्रति प्रेम से मिलजुलकर रहने की शिक्षा देता है। उन् होंने यह भी कहा कि भगवान राम का जीवन मूल् य लोगों को धर्म के पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता है, भले ही कठिनाइयाँ हों या प्रतिकूल परिस्थितियां हों। इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मु ने जनता से देश की समृद्धि और समाज के वंचित वर्गों की खुशहाली के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की है।दशहरा वास्तविकता में हमारे विश् वास को मजबूत करने का अवसर है, ऐसा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संदेश में कहा। साथ ही यह आपको सत्य, न्याय, संवेदना और साहस के मूल्यों को अपने जीवन में लाने की प्रेरणा भी देता है। उन्होंने यह भी कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि यह उत्सव लोगों के जीवन में सुख, समृद्धि और सद्भावना लाएगा।
किस पक्षी के दर्शन से भाग्य चमक सकता है?
विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जैसा कि काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने कहा। लेकिन आज नीलकंठ पक्षी का दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। हमारे धार्मिक ग्रंथ में इसके बाद मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम को ब्रह्म हत्या का पाप लगाया गया था। उनका कहना था कि श्री राम ने फिर भगवान शंकर की पूजा की और विजयदशमी के दिन उन्हें नीलकंठ पक्षी के रूप में भगवान शंकर ने देखा। जिससे उन्हें ब्रह्म हत्या के पाप से छुटकारा मिला। यही कारण है कि विजयदशमी के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है और उसके जीवन में सुधार आता है।