Vice Presidential Election: नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव पर बड़ी खबर सामने आ रही है। देश को अपना 17वां उपराष्ट्रपति मिल गया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल कर ली है। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को हराया। संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक हुई वोटिंग के बाद जब शाम 6 बजे मतगणना शुरू हुई, तो नतीजों ने एनडीए की रणनीति पर मुहर लगा दी। इस Vice Presidential Election में एनडीए ने अपनी एकजुटता का शानदार प्रदर्शन किया।
इस चुनाव में कुल 781 सांसदों को वोट डालना था, जिसमें से 768 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। गिनती के दौरान 752 वोट वैध पाए गए, जबकि 15 वोटों को अवैध करार दिया गया। जीत के लिए 391 वोटों का कोटा जरूरी था, जिसे सीपी राधाकृष्णन ने आसानी से पार कर लिया। उन्हें कुल 452 वोट मिले, जबकि इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को सिर्फ 300 वोटों से संतोष करना पड़ा। इस Vice Presidential Election का नतीजा एनडीए के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत मानी जा रही है।
एनडीए की इस बड़ी जीत के पीछे गठबंधन की एकजुटता अहम वजह रही। एनडीए के 427 सांसदों ने पूरी ताकत से अपने उम्मीदवार का समर्थन किया। इसके अलावा YSR कांग्रेस पार्टी के 11 सांसदों ने भी सीपी राधाकृष्णन के पक्ष में वोट किया। वहीं, कुछ पार्टियों ने इस मतदान से दूरी भी बनाई। बीजद के 7, बीआरएस के 4 और शिरोमणि अकाली दल के एक सांसद समेत कुल 13 सांसदों ने वोटिंग का बहिष्कार किया। यह Vice Presidential Election पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से 21 जुलाई को इस्तीफा देने के बाद जरूरी हो गया था।
67 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के तिरुपुर के रहने वाले हैं और बीजेपी के एक अनुभवी नेता माने जाते हैं। वह 16 साल की उम्र से ही आरएसएस से जुड़े रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी सहयोगियों में गिने जाते थे। वह 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। हाल ही में वह झारखंड, तेलंगाना और पुडुचेरी के गवर्नर का पद भी संभाल चुके हैं। अब इस Vice Presidential Election में जीत के बाद वह राज्यसभा के सभापति की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालेंगे।

