Bhadra effect on Raksahbandhan: आज देश भर में राखी का त्योहार उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार को भद्रा भी पड रही है। लेकिन भद्रा का वास पाताल में ही रहेगा, जिससे पृथ्वी पर भी प्रभाव पड़ेगा। हिंदू धर्म में भद्रा के समय कोई शुभ काम नहीं किया जाता। आचार्य राजकुमार शर्मा ने बताया “शास्त्रों में भद्रा काल को अशुभ काल माना जाता है और भद्रा के मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही है. इसके अलावा एक पौराणिक कथा के मुताबिक जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह पूरी सृष्टि में तबाही मचाने लगी और धार्मिक पूजा-पाठ व अनुष्ठान जैसे मांगलिक कार्यों में जाकर उसमें रुकावट पैदा करती थी इसलिए ब्रह्मा जी ने उसे अलग-अलग समय पर स्वर्ग लोक, पृथ्वी लोक और पाताल लोक में भेज दिया ताकि पृथ्वी लोक पर पूजा और अनुष्ठान बिना किसी बाधा के किए जा सके. ऐसे में भद्रा कुछ समय के लिए पृथ्वी पर आती है. जब भद्रा पृथ्वी पर आती है तो उस समय को अशुभ माना जाता है.”
रावण की पूरी संपत्ति भी नष्ट हो गई!
जैसा कि आचार्य राजकुमार शर्मा ने बताया, “पौराणिक कथाओं के मुताबिक शूर्पणखा ने भी अपने भाई रावण को भद्रा काल में राखी बांधी थी, जिसके चलते एक साल के अंदर ही रावण के पूरे कुल का विनाश हो गया था. ऐसे में हिंदू शास्त्रों के मुताबिक भद्रा काल में राखी बांधने की मनाही रहती है।””
भद्रा में राखी बांधने पर महिलाएं क्या करें?
हिंदू धर्म में भद्रा के दौरान राखी बांधना वर्जित है, लेकिन बहनें कुछ उपाय भी कर सकती हैं अगर किसी कारण से भद्रा के दौरान अपने भाई को राखी बांधनी पड़ी। अगर बहनें भद्रा के दौरान अपने भाई को राखी बांध रही हैं, तो उन्हें व्रत रखना चाहिए और भद्रा के 12 नामों का स्मरण करना चाहिए, ताकि भद्रा का बुरा प्रभाव उनके जीवन पर न पड़े।
