8th Pay Commission || करोड़ों कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, सरकार ने बताया कब से मिलेगी बढ़ी हुई सैलरी, संसद में दी ये बड़ी जानकारी

8th Pay Commission || केंद्र सरकार ने लोकसभा में 8वें वेतन आयोग को लेकर अहम जानकारी दी है। वित्त राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया है कि आयोग का गठन हो चुका है और इससे करीब 1.20 करोड़ लोगों को सीधा फायदा मिलेगा, हालांकि इसे लागू करने की तारीख अभी तय नहीं है।

8th Pay Commission || देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए संसद से एक बहुत बड़ी खबर सामने आई है। सरकार ने आधिकारिक तौर पर बता दिया है कि 8वें वेतन आयोग का दायरा कितना बड़ा होने वाला है। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि नए वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा 50 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और करीब 69 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा। यानी कुल मिलाकर 1 करोड़ से ज्यादा परिवारों की किस्मत चमकने वाली है। हालांकि, सरकार ने अभी 8th Central Pay Commission को लागू करने की कोई पक्की तारीख नहीं बताई है।

50 लाख कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा 8वें वेतन आयोग का लाभ।

सरकार ने सदन को जानकारी दी कि 8वें वेतन आयोग का गठन पहले ही किया जा चुका है और यह पूरी तरह से एक्टिव मोड में है। वित्त मंत्रालय ने 3 नवंबर 2025 को ही एक प्रस्ताव के जरिए आयोग के काम करने के नियम और शर्तों (Terms of Reference) को जारी कर दिया था। अब आयोग इन नियमों के तहत कर्मचारियों की salary structure और भत्तों की समीक्षा करेगा। मंत्री ने साफ किया कि जब आयोग अपनी सिफारिशें फाइनल कर लेगा, उसके बाद ही सरकार यह तय करेगी कि बढ़ी हुई सैलरी कब से लागू करनी है और इसके लिए पैसे यानी फंडिंग का इंतजाम कैसे होगा।

सरकार ने साफ किया- सिफारिशें लागू करने की तारीख और फंडिंग बाद में होगी तय।

संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, इस आयोग की सिफारिशों का लाभ देश की विभिन्न सरकारी सेवाओं, सुरक्षा बलों और संस्थाओं में काम करने वाले लोगों को मिलेगा। सरकार ने आयोग को अपनी फाइनल रिपोर्ट तैयार करने के लिए गठन की तारीख से 18 महीने का समय दिया है। इसका मतलब यह है कि आयोग के पास salary hike recommendations और अन्य बदलावों का खाका तैयार करने के लिए करीब डेढ़ साल का वक्त है। इस दौरान आयोग हर पहलू का बारीकी से अध्ययन करेगा ताकि कर्मचारियों को महंगाई के दौर में राहत मिल सके।

आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए मिला है 18 महीने का समय।

सबसे राहत वाली बात यह है कि कर्मचारियों को पूरी रिपोर्ट के लिए 18 महीने का लंबा इंतजार शायद न करना पड़े। नियमों के मुताबिक, अगर आयोग को लगता है कि कुछ मामलों में तुरंत फैसला लेना जरूरी है, तो वह सरकार को अपनी interim report भी सौंप सकता है। इसका मतलब है कि कुछ जरूरी भत्तों या वेतन विसंगतियों पर फैसला पहले भी हो सकता है। फिलहाल, गेंद आयोग के पाले में है और सरकार ने गेंद को आगे बढ़ाते हुए यह साफ कर दिया है कि वह कर्मचारियों के हितों को लेकर गंभीर है, बस लागू करने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से होगी।