7th pay commission latest: नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने बीते जनवरी महीने में आठवीं वेतन आयोग के गठन को लेकर मंजूरी प्रदान कर दी हुई है। अब केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने के महंगाई भत्ते का बकाया राशि मिलने की उम्मीदें बढ़ गई है वहीं इसी बीच सरकार की ओर से सदन में एक बार फिर से बातें को लेकर जवाब दिया गया है। केंद्र सरकार ने कोविद जैसी महामारी के दौरान रोके गए 18 महीने के महंगाई भत्ते यानी दिए और महंगाई राहत की बिकाय राशि जारी नहीं करेगी केंद्र के वित्त मंत्रालय ने संसद के दोनों सदनों में प्रश्नों के लिखित उत्तर की इस बात की पुष्टि की हुई है।
लोकसभा (Lok Sabha) में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) ने कहा कि महामारी (Pandemic) के समय सरकारी वित्त पर बोझ कम करने के लिए DA (Dearness Allowance) और DR (Dearness Relief) की तीन किस्तें रोक दी गई थीं। सरकार का इन्हें जारी करने का कोई इरादा नहीं है। मंत्री ने बताया कि 2020 में कोरोना महामारी के कारण सरकार को कई कल्याणकारी योजनाओं (Welfare Schemes) पर खर्च करना पड़ा, जिससे वित्तीय बोझ बढ़ गया। इसी वजह से DA Arrears देने का फैसला नहीं लिया गया। यह जवाब सपा सांसद (Samajwadi Party MP) आनंद भदौरिया (Anand Bhadauria) द्वारा पूछे गए सवाल पर दिया गया है।
केंद्रीय कर्मचारियों का DA कितना है?
वर्तमान में केंद्र सरकार (Central Government) के कर्मचारियों और पेंशनर्स (Pensioners) को 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के अनुसार DA और DR की दर 53% है। सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है, जिसकी सिफारिशें अगले साल से लागू हो सकती हैं। इससे पहले, सरकार दो बार DA में बढ़ोतरी कर सकती है, जिससे कर्मचारियों को और राहत मिलेगी।
8वें वेतन आयोग का गठन से क्या मिलेगा फायदा?
जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) के वेतन और पेंशन (Pension) में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दी थी। इस आयोग से लगभग 50 लाख कर्मचारी (Employees) और 65 लाख पेंशनभोगी (Pensioners) को लाभ मिलेगा। इससे पहले 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) को 2014 में गठित किया गया था और इसकी सिफारिशें 2016 से लागू हुई थीं।