पत्रिका डेस्क: अक्सर कब्रिस्तान (Cemetery) का नाम सुनते ही दिमाग में वह जगह आती है, जहां लोगों के शवों को दफनाया जाता है। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे कब्रिस्तान भी हैं, जहां लाशें नहीं, बल्कि बेकार पड़ी कारें (Cars), जहाज (Ships) और ट्रेन (Trains) के डिब्बे मिलते हैं। इन जगहों को कब्रिस्तान का नाम दिया गया है, लेकिन ये आधुनिक युग की बेकार हो चुकी चीजों की आखिरी मंज़िल हैं। आइए जानते हैं दुनिया के इन अनोखे कब्रिस्तानों के बारे में, जो किसी अजूबे से कम नहीं हैं।
चीन का “कारों का कब्रिस्तान”
चीन (China) में तेज़ी से बढ़ते ऑटोमोबाइल सेक्टर (Automobile Sector) के बीच वहां कारों के लिए एक अलग ही कब्रिस्तान तैयार हो गया है। हांगझू शहर (Hangzhou City) के बाहर एक जगह पर हजारों इलेक्ट्रिक कारें (Electric Cars) कई सालों से बेकार पड़ी हुई हैं। यह जगह अब ‘कारों का कब्रिस्तान’ (Car Graveyard) के नाम से मशहूर हो चुकी है। कभी इन कारों ने सड़कों पर फर्राटा भरा था, लेकिन समय के साथ ये बेकार हो गईं और अब यहां खड़ी-खड़ी जंग खा रही हैं।
ग्रीस का “ट्रेनों का कब्रिस्तान”
ग्रीस (Greece) के थेसालोनिकी शहर (Thessaloniki City) में एक ऐसा ट्रेन कब्रिस्तान (Train Graveyard) है, जहां सैकड़ों पुराने ट्रेन के डिब्बों को डंप किया गया है। रेलवे (Railway) से रिटायर हो चुकी ये ट्रेनें अब सिर्फ एक यादगार के रूप में खड़ी हैं। यह कब्रिस्तान पर्यटकों (Tourists) के लिए आकर्षण का केंद्र भी बन चुका है। यहां आने वाले लोग इन पुराने डिब्बों के साथ तस्वीरें (Photos) लेते हैं और इतिहास (History) को महसूस करने की कोशिश करते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में जहाजों का कब्रिस्तान
ऑस्ट्रेलिया (Australia) के ब्रिस्बेन (Brisbane) शहर के पास टैंगालूमा बीच (Tangalooma Beach) पर दुनिया का सबसे अनोखा जहाजों का कब्रिस्तान (Ship Graveyard) मौजूद है। यहां सैकड़ों पुराने जहाजों (Old Ships) को लाकर डंप कर दिया गया है। इनमें से कई जहाज कभी व्यापार (Trade) और पर्यटन (Tourism) का अहम हिस्सा हुआ करते थे, लेकिन अब ये इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं।
कुवैत का “टायर कब्रिस्तान”
कुवैत (Kuwait) में दुनिया का सबसे बड़ा टायर कब्रिस्तान (Tire Graveyard) मौजूद है। यहां करोड़ों पुराने टायर (Old Tires) इकट्ठा किए गए हैं। यह जगह इतनी बड़ी है कि सैटेलाइट (Satellite) से भी यह साफ दिखाई देती है। पुराने और बेकार हो चुके टायरों को यहां लाकर डंप किया जाता है, ताकि वे पर्यावरण (Environment) के लिए किसी तरह का खतरा न बनें।
अमेरिका का “हवाई जहाजों का कब्रिस्तान”
अमेरिका (America) के एरिजोना (Arizona) में दुनिया का सबसे बड़ा हवाई जहाजों का कब्रिस्तान (Aircraft Graveyard) मौजूद है। इस जगह का नाम डेविस-मॉनथन आर्मी एयर फोर्स बेस (Davis-Monthan Army Air Force Base) है। यहां 3200 से अधिक हवाई जहाज (Airplanes) और 6100 इंजन (Engines) पड़े हुए हैं। ये जहाज अमेरिकी वायुसेना (US Air Force) और कई अन्य विमानन कंपनियों (Aviation Companies) के हैं, जो अब उड़ने लायक नहीं रहे।
ये जगहें क्यों बन गई कब्रिस्तान?
इन कब्रिस्तानों के बनने की सबसे बड़ी वजह आधुनिक तकनीक (Modern Technology) और बदलाव (Change) हैं। जब कोई चीज पुरानी हो जाती है और उसे बदलने की जरूरत होती है, तो उसे कहीं न कहीं डंप करना पड़ता है। पहले लोग इन चीजों को नष्ट (Destroy) कर देते थे, लेकिन अब इन्हें कब्रिस्तान के रूप में इकट्ठा कर दिया जाता है, जिससे आने वाली पीढ़ियों (Future Generations) को इतिहास देखने और समझने का मौका मिले।