हिमाचल: विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज के खिलाफ अदालत से जारी हुआ समन, जानिए पूरा कारण
Summons issued by the court against Deputy Speaker Hansraj, know the full reason

चंबा: हिमाचल प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट चंबा की अदालत ने समन जारी किया हुआ है। ओर उपाध्यक्ष को नौ मई को अदालत में पेश होना पड़ेगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता डीपी मल्होत्रा ने सोमवार को पत्रकारवार्त में जानकारी दी हुई है। उन्होंने बताया कि उपाध्यक्ष को नौ मई को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट चंबा की अदालत में पेश होना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने 10 अक्तूबर 2020 को चंबा में एक जनसभा में अधिवक्ताओं के खिलाफ टिप्पणी की हुई है।
जिसके बाद एसोसिएशन चंबा ने एक बैठक का आयोजन किया। और उक्त टिप्पणी को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विधानसभा उपाध्यक्ष द्वारा दस अक्तूबर 2020 को चंबा में एक जनसभा को सबोधित कर रहे थे, उसी दौरान चंबा के अधिवक्ताओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी को प्रयोग किया हुआ था। जिसके बाद चंबा के अधिवक्ता एसोसिएशन ने चंबा कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हुआ है। वरिष्ठ अधिवक्त डीपी मल्होत्रा ने बताया कि कोर्ट की ओर से उपाध्यक्ष को समन जारी किया गया है। और उन्हें नौ मई को अदालत में पेश होना पड़ेगा।[irp]
यह है कारण
विधानसभा उपाध्यक्ष एवं चुराह के भाजपा विधायक हंसराज के खिलाफ सीजेएम न्यायालय चंबा में आपराधिक मानहानि की याचिकाएं दायर की गई हैं। हलांकि 2020 में उपाध्यक्ष के खिलाफ धारा 80 सीपीसी के अंतर्गत 29-29 लाख के दो माह के नोटिस दिए गए हैं। दो माह के भीतर यदि वह राशि नहीं चुकाते तो उनके खिलाफ न्यायालय में 29-29 लाख के हजार्ने के दावे किए जाएंगे। ये याचिकाएं अधिवक्ताओं के खिलाफ झूठी टिप्पणी और अपशब्द कहने पर दायर की गई हैं। जिला बार एसोसिएशन चंबा ने हंसराज से सार्वजनिक माफी मांगने को कहा था, जिसकी मियाद पूरी होने के बाद ये याचिकाएं दायर की गई हैं।[irp]
एसोसिएशन के अध्यक्ष डीपी मल्होत्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सांविधानिक पद पर आसीन होकर हंसराज की ऐसी टिप्पणी चिंतनीय है। हंसराज ने चंबा के दो अधिवक्ताओं को न्यायालय में प्रेक्टिस छोड़कर राजनीति करने की सलाह दी थी। मल्होत्रा ने बताया कि एक अधिवक्ता प्रेक्टिस के साथ-साथ चुनाव लड़ सकता है। विधायक तक बनने के बाद भी वह प्रेक्टिस कर सकता है। तंज कसते हुए कहा कि चुराह केवल भंजराडू या तीसा तक सीमित नहीं है। राजवंश के दौरान चुराह बजारत हुआ करता था। एसोसिएशन चंबा विधानसभा उपाध्यक्ष की टिप्पणी व अभद्र शब्दों के खिलाफ हिमाचल प्रदेश बार एसोसिएशन और राष्ट्रीय बार एसोसिएशन में भी जा सकती है