Union Minister Nitin Gadkari || 15 साल से पुराने वाहन को लेकर नितिन गडकरी ने जारी की नई गाइडलाइंस, ​क्लिक कर जानिए पूरी अपडेट

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Union Minister Nitin Gadkari || आपके पास भी 15 साल पुरानी गाड़ी है तो इसकी पड़ताल कर लें। सरकार ने 15 साल ( fifteen years old) से पुरानी सरकारी गाड़ियों को कबाड़ खाने में भेजने की तैयारी कर शुरू कर ली है। सड़क एवं परिवहन ( road and transport)केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार 15 साल से अधिक पुराने सभी वाहनों को कबाड़ ( junkyard ) में बदलेगा। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित नीति राज्यों को भेजी गई है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ( Central minister Nitin Gadkari) ने वार्षिक कृषि प्रदर्शनी ‘एग्रो-विजन’ के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा, ”मैंने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में एक फाइल पर हस्ताक्षर ( signature ) किये है, इसके तहत भारत सरकार के सभी 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को कबाड़ में बदल दिया जाएगा।

उन्होंने  कहा कि उन्होंने  भारत सरकार की इस नीति को सभी राज्यों को भेज दिया है। उन्हें  कहा कि सभी राज्यों को इसे अपने स्तर पर इसे अपनाना चाहिए।  गौरतलब है कि  सरकार अपने मोटर व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी ( vehicle scrap policy)के तहत 15 साल से पुरानी गाड़ियों ( Vehicles ) को सड़कों से हटाने को लेकर प्रतिबद्ध है, इसलिए इस नीति के तहत इन्हें अब कबाड़ में बदला जाएगा। कडक़री ने कहा कि  इस नीति पर परिवहन मंत्रालय काफी वक्त से काम कर रहा है और अभी भी जारी है।

सरकार हर जिले में खोलेगी  तीन कबाड़ केंद्र

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari) ने कुछ समय पहले कहा था कि सरकार ने देश के हर जिले में कम से कम तीन पंजीकृत वाहन कबाड़ केंद्र खोलने ( vehicle scrap center) की योजना बनाई है।  गडकरी ने कहा कि सड़क मंत्रालय को रोपवे, केबल कार और फनिक्युलर रेलवे (केबल रेलवे) के लिए 206 प्रस्ताव मिले हैं। इस योजना के तहत सरकार हर जिले में तीन पंजीकृत वाहन कबाड़ सुविधाएं या केंद्र खोल सकती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अगस्त में नेशनल व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी ( vehicle scrap policy) शुरू की थी। इसमें  कहा था कि यह  पॉलिसी पुराने हो चुके और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने में मदद करेगा।

केंदीय मंत्री के अनुसार यह नीति संसाधनों के सही उपयोग वाली अर्थव्यवस्था ( economy)  को भी बढ़ावा देगी। शुक्रवार को गडकरी ने कहा कि पानीपत में इंडियन ऑयल के दो संयंत्र लगभग शुरू हो गए हैं। जिनमें से एक प्रतिदिन एक लाख लीटर एथनॉल ( ethenol) का उत्पादन किया जाएगा, जबकि दूसरा संयंत्र से चावल के भूसे का उपयोग करके प्रतिदिन 150 टन बायो-बिटुमेन का निर्माण किया जाएगा।उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों के निर्माण से पराली जलाने की समस्या में कमी आएगी। इस तरह केंद्र सरकार देश की बेहतरी और पर्यवरण (environment ) के बचाव के लिए कई कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी लगातार इस क्षेत्र की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।