बड़ी उपलिब्ध || भारतीय नौसेना में वाइस एडमिरल बने हिमाचल प्रदेश के रहने वाले लोचन सिंह पठानिया
न्यूज हाइलाइट्स
कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश के लोचन सिंह पठानिया भारतीय नौसेना में वाइस एडमिरल बने हैं। उनकी इस उपलब्धि से परिजनों में काफी ख़ुशी का माहौल है। बता दें लोचन सिंह पठानिया कांगड़ा जिले के नगर पंचायत शाहपुर के वार्ड नंबर-पांच के रहने वाले है। उन्होंने इतनी बड़ी उपलब्धि पाकर अपने जिला समेत प्रदेश का भी नाम रोशन किया है। सेवानिवृत्त शिक्षक प्रेम सिंह पठानिया के घर जन्मे लोचन सिंह की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक स्कूल शाहपुर से शुरू हुई थी। पढ़ाई में अव्वल लोचन का चयन सैनिक स्कूल कपूरथला के लिए हुआ और यहां 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत चयन भारतीय नौसेना में हो गया। लोचन सिंह की उपलब्धि पर शाहपुर में खुशी की लहर है।
मुख्यमंत्री ने वाइस एडमिरल लोचन सिंह पठानिया को मुख्य हाइड्रोग्राफर बनने पर बधाई दी
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिला के शाहपुर क्षेत्र के मूल निवासी वाइस एडमिरल लोचन सिंह पठानिया को भारत सरकार के मुख्य जल सर्वेक्षक (हाइड्रोग्राफर) का कार्यभार संभालने पर बधाई दी है। भारतीय नौ सेना का जल सर्वेक्षण विभाग, जल सर्वेक्षण एवं नौपरिवहन चार्ट के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है। लोचन सिंह पठानिया नौ सेना के जल सर्वेक्षण जहाज आईएनएस ‘दर्शक’ और ‘संधायक’ को भी कमांड कर चुके हैं।
अपने तीन दशकों से अधिक के सेवा काल में उन्होंने जल सर्वेक्षण से संबंधित कार्यों से अपनी विशेष पहचान बनाई है। मुख्य जल सर्वेक्षक के रूप में उनके शानदार कार्यकाल की कामना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्त प्रदेशवासियों को उनकी उपलब्धि पर गर्व है और वह भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छुक युवा पीढ़ी के लिए प्रेरक हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल को ‘वीरभूमि’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस पहाड़ी राज्य के वीर सपूत अपनी वीरता और साहस के लिए जाने जाते हैं।
फ्लैग ऑफिसर हाइड्रोग्राफी विशेषज्ञ हैं और वह1990 में भारतीय नौसेना की कार्यकारी शाखा में सम्मिलित हुए। फ्लैग ऑफिसर आईएन पोत दर्शक और संधायक की कमान संभाल चुके हैं। उन्होंने तीन दशकों से अधिक के अपने करियर के दौरान आईएमबीएल मध्यस्थता के लिए डेटा संग्रह का चुनौतीपूर्ण कार्य और सुंदरबन डेल्टा में नए चार्ट का निर्माण सहित पूरे देश और हिंद महासागर क्षेत्र में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण किए। उन्हें रॉयल नेवी के एचएमएस बुलडॉग पोत पर भी सेवाएं देने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने साक्षात्कार अधिकारी और नौसेना चयन बोर्ड के उपाध्यक्ष, एनएचक्यू में प्रधान निदेशक (हाइड्रोग्राफी), प्रभारी अधिकारी, राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक कार्यालय (एनएचओ) और संयुक्त मुख्य हाइड्रोग्राफर के रूप में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
फ्लैग ऑफिसर नौसेना अकादमी से स्नातक हैं और वह इंटरनेशनल मैरीटाइम अकादमी (आईएमओ), ट्राइस्टे, इटली, डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन और कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट (सीडीएम), सिकंदराबाद के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा और सामरिक अध्ययन में स्नातकोत्तर डिग्री और उस्मानिया विश्वविद्यालय से प्रबंधन अध्ययन में स्नातकोत्तर (एमएमएस) डिग्री हासिल की है। एडमिरल समुद्री सीमा परिसीमन से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानूनों के विशेषज्ञ हैं और उन्होंने समुद्री सीमाओं से संबंधित मुद्दों और विशेष आर्थिक क्षेत्र से परे विस्तारित महाद्वीपीय शेल्फ के परिनिर्धारण में बहुत अधिक योगदान दिया है।
- वाइस एडमिरल लोचन सिंह पठानिया ने 01 फरवरी 24 को भारत सरकार के मुख्य हाइड्रोग्राफर के रूप में कार्यभार संभाला।
- उन्होंने भारतीय नौसेना में 1990 में कार्यकारी शाखा में शामिल होकर अपना करियर शुरू किया था।
- वाइस एडमिरल लोचन सिंह पठानिया ने अपने करियर के दौरान आईएमबीएल मध्यस्थता के लिए डेटा संग्रह का चुनौतीपूर्ण कार्य और सुंदरबन डेल्टा में नए चार्ट का निर्माण सहित पूरे देश और हिंद महासागर क्षेत्र में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण किया।