New Update || आधार कार्ड की तरह बच्चों का भी बनवाना होगा पैन नंबर, MHRD ने जारी किए निर्देश

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

New Update ||  शिक्षण संस्थानों में शिक्षा व्यवस्था को सही बनाने के लिए Union Human Resource Ministry ने स्कूलों को नए निर्देश जारी किए हैं। इन नए निर्देशों के मुताबिक सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों को ट्रैक करने के लिए आधार कार्ड की तर्ज पर परमानेंट एजुकेशन नंबर जारी किया जाएगा। प्रदेश भर में शिक्षा विभाग इस कार्य में जोर शोर से लगा है। यू-डाइस प्लस पोर्टल के जरिए सरकारी व निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को 53 सूचनाएं यू डाइस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफार्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) में भरने का काम जारी है। यह काम स्कूली स्तर पर हो रहा है।

इसमें बच्चों की हेल्थ, हाइट, ब्लड ग्रुप व वजन तक का भी जिक्र है। ये सूचनाएं भरने के बाद हर बच्चे को एक विशेष नंबर आवंटित किया जाएगा। इस नंबर को परमानेंट एजुकेशन नंबर (पैन) नाम दिया गया है। बच्चों से संबंधित हर काम करने वाले के लिए अब इस नंबर का उपयोग करना जरूरी होगा। बच्चों की टीसी काटने पर भी इस नंबर को भरना अनिवार्य होगा। नंबर नहीं भरने की स्थिति में बच्चों की ऑनलाइन टीसी जनरेट नहीं हो पाएगी। इसके साथ ही डिजीलॉकर सहित अन्य जगह पर भी इसे लिंक किया जाएगा। जहां से बच्चों का डाटा एक ही जगह स्टोरेज हो पाएगा।

दूसरा फायदा ये भी होगा कि स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को सरकार ट्रैक तक नहीं कर पाती थी कि उन्होंने किसी दूसरे स्कूल में प्रवेश भी लिया या नहीं। फर्जी मार्कशीट से नौकरी पर अंकुश सरकार की ओर से विद्यार्थियों के लिए विभिन्न योजनाओं का फायदा दिया जाता है। इनमें अक्सर फर्जीवाड़े के मामले सामने आते हैं। इतना ही नहीं नौकरियों के लिए भी लोग फर्जी तरीके से मार्कशीट का उपयोग कर लेते हैं। लेकिन पैन अनिवार्य होने के बाद फर्जीवाड़े पर अंकुश लग सकेगा। साथ ही सरकारी योजना का लाभ भी मिलेगा। वहीं छात्रवृति घोटालों पर भी रोक लगेगी। बच्चों का रिकॉर्ड भी इसमें सुरक्षित रहेगा।

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