Equity Linked Saving Scheme || टैक्‍स छूट और हाई रिटर्न- यहां लगाएंगे पैसे तो मिलेगा डबल बेनिफिट, जानिए म्‍यूचुअल फंड्स इस दमदार स्‍कीम के फायदे

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Equity Linked Saving Scheme ||  stock market में सीधे निवेश करने के बजाय mutual funds का विकल्प चुना जाएगा। SIP के माध्यम से आप हर महीने एक निश्चित राशि इसमें निवेश कर सकते हैं। SIP में निवेश करने वालों की संख्या पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़ी है। टैक्स के दायरे में आने वाले निवेशों में म्यूचुअल फंड शामिल हैं। लेकिन आप निवेश करने पर बेहतर रिटर्न और tax benefits भी ले सकते हैं इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)। यही कारण है कि ELSS को टैक्स बचाने वाली mutual fund scheme (MFS) भी कहा जाता है।

आप इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीमों में पैसा एक बार में भी जमा कर सकते हैं और SIP के जरिए भी। इन अवधि में इसका लॉक बहुत छोटा होता है। टैक्स सेविंग एफडी और एनएससी में लॉक इन पीरियड आम तौर पर पांच साल का होता है, जबकि ELSS में सिर्फ तीन साल का होता है। इसके बाद आप अपने निवेश को जारी रख सकते हैं या पैसे निकाल सकते हैं जब चाहें।

500 रुपये से भी निवेश कर सकते हैं

ELSS में आपको अपने बजट और सुविधानुसार स् कीम मिलती है। आप इसमें सिर्फ 500 रुपए से भी शुरू कर सकते हैं। वहीं अधिकतम निवेश करने के लिए कोई सीमा नहीं है। एलएसएस में लंबे समय का निवेश बेहतर रिटर्न दे सकता है, एक्सपर्ट्स का मानना है। ऐसे में वेल्थ क्रिएशन की क्षमता है।

टैक्स लाभ

ELSS स्कीम से 3 साल बाद बाहर निकलने पर टैक्स बचता है। इसमें आयकर छूट की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपए है, जो इनकम टैक्स सेक्शन 80C के तहत है। सिर्फ पुरानी टैक्स व्यवस्था में इस डिडक्शन का लाभ उठाया जाएगा। आपको निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर भी दूसरी टैक्स छूट मिलती है। इसमें मिलने वाले रिटर्न पर भी कैपिटल गेन टैक्स दिखाई देता है। 1 लाख रुपये तक का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन् स टैक्स ELSS पर फ्री रहता है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन् स पर 10% टैक्स लगता है। इसके अलावा सरचार्ज और सेस भी देना होगा।