Hit and Run New Law || मोदी का कानून ड्राइवरों पर पड़ा भारी,अश्वासन के बाद मिलेगा तगड़ा झटका || Truck Driver Protest

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Hit and Run New Law में ज्यादा सजा-जुर्माने का विरोध में देशभर में करीब आधे ट्रकों के पहिए थम चुके हैं. विरोध में शामिल होने वाले ड्राइवरों की संख्‍या धीरे बढ़ती जा रही है. ड्राइवर रोड पर ट्रक छोड़कर जा रहे हैं. देशभर में तीन दिनों की हड़ताल बुलाई गई है. Truck Drivers की इस हड़ताल का असर आम आदमी की जेब पर पड़ सकता है। हड़ताल की वजह से खाद्यान्न, दवाईयां और रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की किल्लत हो सकती है।

Hit and Run New Law  के नए कानून को लेकर देश भर में करीब आधे ट्रैकों के पहिए थम चुके हैं । विरोध में शामिल होने वाले ड्राइवरों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है ड्राइवर रोड पर ट्रक छोड़कर जा रहे हैं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तराखंड वह हिमाचल में आज हड़ताल रूक गई है। केंद्र सरकार के अश्वासन के बाद ट्रक चालकों ने हड़ताल रोक दी हुई । वहीं 10 जनवरी को Hit and Run New Law मामले में सुनवाई की  जाएगी। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस में आज दोपहर में इस संबंध में देश भर के ट्रांसपोर्ट यूनियन ने बैठक बुलाई हुई है।जिनमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। जानकारी के मुताबिक देश भर में तीन दिनों का प्रोटेस्ट बुलाया गया है ट्रक ड्राइवर के हड़ताल का असर आम आदमी की जेब पर भी पड़ सकता है । हड़ताल की वजह से खाने पीने की चीज और रसोई गैस जैसी जरूरी चीजों के बंद हो सकती है ।

दरअसल देश भर के तमाम राज्यों में सेंट्रल गवर्नमेंट के नए Hit and Run New Law  का जमकर विरोध हो रहा है ड्राइवर के साथ तमाम ट्रांसपोर्ट यूनियंस इस कानून के विरोध में सड़कों पर उतर आई है । तमाम जगहों पर चौक जाम और बसों, ट्रकों की हड़ताल की इनफार्मेशन है । इस हड़ताल में प्राइवेट बसों ट्रैकों से लेकर सरकारी महकमें भी शामिल है। Hit and Run New Law  के तहत केंद्र सरकार में 10 साल की सजा और 7 लख रुपए के सजा का प्रावधान लागू किया है यानी लापरवाही से गाड़ी चलाने पर गंभीर सड़क दुर्घटना होने और पुलिस या प्रशासन के किसी अधिकारी को इन्फॉर्म किए बिना मौके से भागने वाले ड्राइवर को 10 साल तक की सजा या 7 लाख रुपए तक की सजा  का नया कानून लाया गया है । अब इस पर ड्राइवर की तरफ से यह कहा जा रहा है कि देशभर में 35% ड्राइवर की कमी है और इस तरह के कानून से ड्राइवर की कमी और बढ़ेगी ।

उन्होंने कहा कि ड्राइवर की परेशानी की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है । देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा कंट्रीब्यूशन रोड ट्रांसपोर्टर और ड्राइवर का है इस मामले पर एआइएमटी का यह कहना है कि देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है इसके कारण मामले के निष्पक्ष जांच नहीं हो पाती और ड्राइवर को दोषी करार दिया जाता है ।  दुर्घटना स्थल से भागने की किसी भी ड्राइवर की मन्शा नहीं होती लेकिन आसपास जमा भीड़ से बचने के लिए ऐसा करना पड़ता है । आपको बता दे कि मौजूदा समय में 95 लाख से ज्यादा ट्रक रजिस्टर्ड है इनमें से 70 लाख ट्रक एक समय में रोड पर चलते हैं ।

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