धामी की सरकार में राज्य के 27 लाख बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका, महंगी होने जा रही है बिजली

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Uttarakhand News ||  देहरादून || उत्तराखंड में भाजपा सरकार द्वारा एक बार फिर राज्य की जनता का नए साल के मौके पर बड़ा झटका देने जा रही है। धामी की सरकार अब नए साल के अवसर पर राज्य के 27 लाख उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल में बढ़ोतरी करने जा रही है । राज्य में अगले वर्ष बिजली की कीमतें बढ़ जाएंगी। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) की बोर्ड बैठक में बिजली की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पारित किया गया है। जिसमें 23 से 27 प्रतिशत की वृद्धि का दावा किया गया है। यूपीसीएल दरें बढ़ाने की मांग करेगा उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में। एक अप्रैल 2024 से बिजली की नई दरें लागू होंगी। टैरिफ दरों में 23 से 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी से प्रदेश में घरेलू और व्यावसायिक कनेक्शनों में बिजली की लागत बढ़ जाएगी।

जनसुनवाई के बाद ही उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (Uttarakhand Electricity Regulatory Commission) टैरिफ की दरें तय करेगा। यूपीसीएल ने बैठक में बिजली की दरें बढ़ाने के पीछे करोड़ों रुपये की देनदारी का दावा किया और सेंट्रल पूल, एसजेवीएनएल, यूजेवीएनएल, टीएचडीसी और एनटीपीसी से अधिक मूल्य की बिजली मिलने का दावा किया। वास्तव में, यूपीसीएल को राज्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बिजली खरीदने के लिए 1281 करोड़ रुपये अधिक खर्च करना पड़ेगा।

इसकी भरपाई के लिए अगले वर्ष बिजली दरों में 23 से 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है। जनसुनवाई के बाद नियामक आयोग विद्युत टैरिफ पर फैसला करेगा। ध्यान दें कि दूसरे राज्यों ने भी महंगी बिजली मिलने की वजह से राज्य के विद्युत नियामक आयोग को टैरिफ दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा है। हिमाचल प्रदेश, झारखंड और दिल्ली ने 50 प्रतिशत, 30 प्रतिशत और 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है, जबकि उत्तर प्रदेश ने टैरिफ में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है।

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