Supreme Court on Aadhar Card: देश में मोबाइल, फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन और एसी समेत महंगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स क्रेडिट कार्ड या फिर लोन पर लेने का चलन बढ़ रहा है। फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर तो ज़्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट नो-कॉस्ट ईएमआई और लोन पर लिए जाते हैं। अगर आप भी इस त्योहारी सीजन में ऐसा कुछ करने का प्लान बना रहे हैं, तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक देश के तमाम बैंकों को लोन की किस्त में चूक पर रिकवरी के लिए मोबाइल फोन को रिमोटली लॉक करने की अनुमति देने की योजना बना रहा है। अगर कोई व्यक्ति लोन नहीं चुकाता है, तो उसका फोन रिमोटली लॉक हो जाएगा। दो सूत्रों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी दी है। आरबीआई बैड एसेट पर अंकुश लगाने के मकसद से यह प्लान बना रहा है। इससे देश के उन करोड़ों ग्राहकों की चिंता बढ़ सकती है जो मोबाइल क्रेडिट कार्ड या फिर लोन पर खरीदते हैं।
सूत्रों ने बताया है कि पिछले साल भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा था कि वह लोन की किस्तों में चूक करने वाले उधारकर्ताओं के फोन लॉक करना बंद करें। दरअसल, इस प्रोसेस में लोन जारी करते समय इंस्टॉल किए गए एक ऐप का इस्तेमाल फोन को लॉक करने के लिए किया जाता था। सूत्रों ने बताया कि बैंकों के साथ परामर्श के बाद आरबीआई कुछ ही महीनों में अपनी एसओपी को अपडेट करेगा और फोन लॉक करने की व्यवस्था पर दिशा-निर्देश पेश करेगा।
उन्होंने बताया कि इन नियमों के तहत लोन लेने वाले ग्राहकों से भी पूर्व सहमति ली जाएगी। साथ ही, बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहकों के लॉक किए गए फोन का पर्सनल डाटा पूरी तरह सुरक्षित हो। इस कवायद के जरिए आरबीआई यह सुनिश्चित करना चाहता है कि बैंकों के पास छोटी-मोटी वसूली करने की शक्ति हो। हालांकि, इसके बारे में आरबीआई के प्रवक्ता ने बताया है और कहा है कि यह व्यवस्था लागू की जाएगी। क्रेडिट ब्यूरो और CRIF High Mark के अनुसार, 1 लाख रुपये से कम के लोन के डिफॉल्ट होने का जोखिम ज्यादा होता है और इसमें कुछ में चूक दर सबसे ज्यादा होती है।