Himachal News: शिमला: हिमाचल शिक्षा विभाग ने स्कूल लेक्चररों पर सख्ती दिखाते हुए सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है कि प्रवक्ता छठवीं से बारहवीं तक पढ़ा रहे हैं या नहीं। दो दिन के भीतर रिपोर्ट देनी होगी और जो प्रवक्ता आदेश नहीं मान रहे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। पहले लेक्चरर केवल ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा को पढ़ाते थे, लेकिन अब नियम के तहत उन्हें छठवीं से बारहवीं तक कक्षाएं लेनी होंगी।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे स्कूल लेक्चररों के लिए अब आराम के दिन खत्म हो गए हैं। शिक्षा विभाग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रवक्ताओं पर शिकंजा कस दिया है। अब लेक्चररों को सिर्फ सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं को ही नहीं, बल्कि छठी से लेकर दसवीं तक के बच्चों को भी पढ़ाना होगा। इस फैसले से कई शिक्षकों में खलबली मच गई है। Himachal education department ने इस नियम को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
अब तक स्कूल प्रवक्ता केवल 11वीं और 12वीं की बड़ी कक्षाओं को ही पढ़ाते थे, लेकिन अब इस व्यवस्था को बदल दिया गया है। नए आदेशों के मुताबिक, अब सभी लेक्चररों को छठवीं से लेकर बारहवीं तक की कक्षाएं लेनी अनिवार्य होंगी। विभाग ने यह कदम स्कूलों में शिक्षकों की कमी और शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए उठाया है, ताकि बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े। School lecturer duties को लेकर यह एक बड़ा बदलाव है।
विभाग इस नए नियम को लेकर कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने सभी जिलों के शिक्षा उपनिदेशकों से महज दो दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की है। इस रिपोर्ट में यह जानकारी देनी होगी कि कौन-कौन से प्रवक्ता इन आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं और छोटी कक्षाओं में पढ़ाने से कतरा रहे हैं। New education policy के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी शिक्षक अपनी जिम्मेदारी पूरी करें।
शिक्षा विभाग ने साफ चेतावनी दी है कि जो भी प्रवक्ता इन आदेशों की अवहेलना करेगा, उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विभाग का मानना है कि केवल स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी, बल्कि निचली कक्षाओं में भी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। Teacher workload management को लेकर विभाग पूरी तरह से सख्त नजर आ रहा है।