Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में कानून व्यवस्था से जुड़ा एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ है, जिसने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। यह मामला मंडी के पांगणा क्षेत्र का है, जहां कथित तौर पर ट्रैफिक पुलिस के एक जवान और एक स्थानीय व्यक्ति के बीच बीच सड़क पर तीखी बहस हो गई। जवान चेकिंग कर रहा था, जबकि युवक ने उसकी चेकिंग के अधिकार पर ही सवाल उठा दिए। वीडियो में साफ दिख रहा है कि युवक बार-बार पुलिसकर्मी की Police Checkpoint Authority को चुनौती दे रहा है।
बहस की शुरुआत तब हुई जब पुलिसकर्मी ने युवक की कार (मारुति 800) को एक ऐसे ग्रामीण रास्ते पर रोका, जहां कोई आधिकारिक बैरिकेड या नाका नहीं लगा था। युवक, जो खुद को एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बता रहा था, ने पुलिसकर्मी से कहा कि ‘आप बीच जंगल में कैसे गाड़ी रोक सकते हैं?’ युवक ने तर्क दिया कि बिना बैरिकेड के किसी भी वाहन को रोकना कानून का उल्लंघन है। उसने यहां तक कहा कि अगर कोई दुर्घटना होती है तो जिम्मेदारी कौन लेगा।
जवाब में, पुलिसकर्मी ने युवक पर गाड़ी से जुड़े कानूनी अपराध (Offences) करने का आरोप लगाया। उसने साफ तौर पर कहा कि गाड़ी चलाने वाली एक छोटी बच्ची (नाबालिग) है और युवक खुद उसके साथ बैठा है। पुलिसकर्मी ने इसे बच्चों की जान को खतरे में डालने और बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने का क्राइम बताया। हालांकि, युवक लगातार इस बात को टालता रहा और पुलिसकर्मी से उसकी ड्यूटी और traffic violation laws के बारे में पूछता रहा।
जब पुलिसकर्मी ने गाड़ी के कागजात दिखाने को कहा, तो युवक भड़क गया और उसने पुलिसकर्मी से पहले अपनी अथॉरिटी साबित करने की मांग की। उसने अधिकारी से पूछा कि वह इन्वेस्टिगेशन पर क्यों आया है और किस FIR नंबर के तहत उसे रोका गया है। युवक ने धमकी दी कि वह इस मामले को एसपी तक ले जाएगा और RTI (Right to Information) के तहत जानकारी लेगा। पुलिसकर्मी ने भी स्पष्ट कहा कि वह इन्वेस्टिगेशन पर आया है और अपनी official duty कर रहा है और उसे गवाहों की जरूरत नहीं है। करीब सात मिनट के इस वायरल वीडियो में दोनों पक्षों के बीच तीखी तकरार जारी रही। युवक ने पुलिस पर पैसे मांगने का भी आरोप लगाया, हालांकि पुलिसकर्मी ने इसे झूठा बताते हुए खारिज कर दिया। यह घटना ग्रामीण इलाकों में law enforcement की प्रक्रिया और नागरिकों के अधिकारों को लेकर एक बड़ी बहस का विषय बन गई है।