Credit Card Limit : सरकार ने क्रेडिट कार्ड धारकों को दी बड़ी खुशखबरी, 5 लाख तक खर्च करने पर मात्र इतना ब्याज

Credit Card Limit :  देश में हर साल बढ़ती महंगाई (Inflation) की वजह से आम आदमी की जेब पर भारी असर पड़ रहा है। ऐसे में लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और बैंक लोन (Bank Loan) का सहारा ले रहे हैं। सरकारी और निजी बैंक भी आसानी से यह सुविधाएं दे रहे हैं ताकि लोगों को फाइनेंशियल सपोर्ट मिल सके। अगर आप लोन (Loan) या क्रेडिट कार्ड (Credit Facility) लेना चाहते हैं, तो बैंक सबसे पहले आपकी आय (Income) और CIBIL Score चेक करता है। केंद्र सरकार ने भी अब ऐसी योजना शुरू की है जिससे आम नागरिकों को आसानी से क्रेडिट की सुविधा मिल सके।

भारत में तेजी से बढ़ा क्रेडिट कार्ड का चलन

पिछले कुछ सालों में देश में क्रेडिट कार्ड उपयोग (Credit Card Usage) काफी तेज़ी से बढ़ा है। आज लोग लोन से ज़्यादा क्रेडिट कार्ड को प्राथमिकता देने लगे हैं क्योंकि इसमें ऑफर्स, कैशबैक और EMI जैसे फायदे मिलते हैं। बैंक भी समय-समय पर क्रेडिट कार्ड ऑफर (Card Offers) जारी करते हैं, जिससे ग्राहक आकर्षित होते हैं किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) यानी KCC एक ऐसी सरकारी योजना है जिसमें किसानों को कम ब्याज पर लोन दिया जाता है। अब सरकार ने इसकी लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये (Loan Limit) कर दिया है। पिछले साल इस योजना का फायदा 7.72 करोड़ किसानों ने उठाया और आंकड़ा 10 लाख से भी ज़्यादा तक पहुंच गया। 1 फरवरी को Union Budget पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने KCC की लोन सीमा (Credit Limit) को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया। यह नया नियम 1 अप्रैल से लागू (Effective From April) हो गया है, जिससे किसानों को अब ज्यादा फंड मिलने में आसानी होगी।

केसीसी योजना की शुरुआत और विस्तार

करीब 10 साल पहले केंद्र सरकार ने KCC Scheme Start की थी ताकि किसान, डेयरी और मत्स्य पालन से जुड़े लोग अपनी खेती और व्यवसाय की जरूरतों को पूरा कर सकें। 2019 में इस योजना को डेयरी और Fisheries के लिए भी बढ़ाया गया ताकि वर्किंग कैपिटल (Working Capital) की जरूरत को पूरा किया जा सके।

सरकार ने केसीसी बजट में किया बदलाव

2025 के बजट में वित्त मंत्री ने कृषि मंत्रालय के लिए आवंटित बजट को घटाकर 1.37 लाख करोड़ रुपये (Agriculture Budget) कर दिया। हालांकि, पशुपालन और मत्स्य पालन (Animal Husbandry & Fisheries) जैसे क्षेत्रों के लिए बजट को बढ़ाकर क्रमश: 7,544 करोड़ और 4,364 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे उम्मीद की जा रही है कि किसानों को और बेहतर सुविधा मिलेगी।