Digital Payment MDR: डिजिटल पेमेंट करने वालों को लग सकता है एक और झटका, UPI ट्रांजैक्शन पर देना होगा चार्ज?

Digital Payment MDR: फोटो: PGDP

Digital Payment MDR:  नई दिल्ली: आज के इस दौर में भारत में जहां डिजिटल इंडिया की और बढ़ रहा है वहीं ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए यूपीआई का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है अगर आप भी यूपीआई के रूप में डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए है इसके लिए आपको अब भुगतान करने के लिए शुल्क देना पड़ सकता है । दरअसल आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूपीआई ट्रांजैक्शन अभी तक बिल्कुल फ्री है लेकिन सरकार अब इन पर मरचेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर लागू करने का विचार कर रही है इसका तात्पर्य यह है कि व्यापारियों से डिजिटल पेमेंट लेने पर बैंक एक ताई शुल्क वसूल सकता है जिससे ग्राहक भी प्रभावित हो सकता है।

इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सरकार यूपीआई के रूप में डेबिट कार्ड के लेनदेन पर फिर से एमडीआर लगाने का प्लान बना रही है।  एमडीआर वही शुल्क होता है जो बैंक और पेमेंट प्रोवाइड्स को डिजिटल पेमेंट की सुविधा देने के लिए दुकानदारों से लिया जाता है । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2022 में सरकार ने इस शुल्क को पूरी तरह से खत्म कर दिया था ताकि डिजिटल ट्रांजेक्शन को भारत में बढ़ावा मिल सके लेकिन अब इन नीतियों में दोबारा विचार किया जा रहा है । और सरकार जल्द इस नीति को लागू कर सकती है और बड़े व्यापारियों को शुल्क फिर से लागू किया जा सकता है

एक बैंक अधिकारी ने मीडिया में दिए गए रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार को बैंकिंग सेक्टर में औपचारिकता अनुरोध भेजा गया है कि बड़े व्यापारियों को यूपीआई ट्रांजैक्शन पर एमडीआर लागू किया जाए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि जिन व्यापारियों का वार्षिक कारोबार 40 लख रुपए से अधिक है उन्हें यह शुल्क देना होगा छोटे कारोबारी और दुकानदारों को इसमें राहत दी जाएगी सरकार एक स्तरीय शुल्क मॉडल का विचार कर रही है जिससे छोटे व्यापारियों को कम और बड़े व्यापारियों को अधिक एमडीआर देना होगा जिसका सालाना 40 लख रुपए का कारोबार है उसे यूपीआई ट्रांजैक्शन से पहले की तरह फ्री रह सकता है

यूपीआई ट्रांजेक्शन के आंकड़े

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (National Payments Corporation of India – NPCI) के मुताबिक, फरवरी 2025 में यूपीआई के जरिए 16.11 बिलियन (16.11 Billion Transactions) ट्रांजेक्शन हुए, जिनका कुल मूल्य 22 ट्रिलियन रुपये (22 Trillion Rupees) था। जनवरी 2025 में यह आंकड़ा 16.99 बिलियन (16.99 Billion Transactions) था। इन बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए सरकार अब इस माध्यम से राजस्व प्राप्त करने पर विचार कर रही है।