Indian cricketers: भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) में कई दिग्गज खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस से देश का नाम रोशन किया है। खासकर आईसीसी वनडे टूर्नामेंट (ICC ODI Tournament) के फाइनल मुकाबलों में खेलने का अनुभव बहुत मायने रखता है। अगर बात करें भारत के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों की, तो युवराज सिंह (Yuvraj Singh) इस लिस्ट में सबसे आगे हैं। उन्होंने अपने करियर में सात बार आईसीसी वनडे टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले खेले हैं। उनकी बेहतरीन बैटिंग (Batting) और मैच जिताने वाली पारियों की वजह से उन्हें हमेशा याद किया जाता है।
अगर जहीर खान (Zaheer Khan) की बात करें, तो उन्होंने पांच बार आईसीसी वनडे टूर्नामेंट के फाइनल में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। वो भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन फास्ट बॉलर (Fast Bowler) में से एक रहे हैं। उनकी शानदार स्विंग और सटीक यॉर्कर (Yorker) गेंदबाजी ने कई बड़े मैचों में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने भी अपने शानदार करियर में पांच बार आईसीसी वनडे टूर्नामेंट के फाइनल खेले हैं। 2011 का वर्ल्ड कप (World Cup) उनके करियर का सबसे यादगार टूर्नामेंट रहा, जब भारत ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता था। उनके अलावा, राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने भी चार बार आईसीसी वनडे टूर्नामेंट के फाइनल में अपनी जगह बनाई और अपनी शानदार बैटिंग और विकेटकीपिंग (Wicketkeeping) से टीम को मजबूती दी।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने भी चार बार आईसीसी वनडे टूर्नामेंट का फाइनल खेला है। उनकी अगुवाई में भारत 2003 के वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचा था। हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने भी चार बार फाइनल मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और अपनी शानदार ऑफ स्पिन (Off Spin) गेंदबाजी से टीम को मजबूती दी है।
अगर बात करें मौजूदा खिलाड़ियों की, तो विराट कोहली (Virat Kohli) अब तक चार बार आईसीसी वनडे टूर्नामेंट का फाइनल खेल चुके हैं। उनकी शानदार बैटिंग और कप्तानी (Captaincy) के कारण भारतीय टीम को कई बड़े टूर्नामेंट में सफलता मिली है। इसी तरह, विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने भी अपने करियर में चार बार वनडे टूर्नामेंट के फाइनल में खेला और अपनी आक्रामक बैटिंग से कई बार विपक्षी टीमों को चौंका दिया।