8th Pay Commission: नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग की अंतिम रिपोर्ट एक वर्ष या उससे अधिक समय में प्रस्तुत कर सकता है। वहीं सरकार और कर्मचारी के बीच बातचीत भी शुरू हो गई है राज्य सरकारों और प्रमुख मंत्रालयों, विशेष रूप से रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के अधिकारियों ने अनौपचारिक तौर पर ड्राफ्ट पर चर्चा शुरू की है।
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले महीनों में वेतन आयोग की प्लान बनाई जाए। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आयोग की सिफारिशें आगामी वित्तीय वर्ष पर प्रभाव नहीं डालेंगी, क्योंकि अंतिम रिपोर्ट बनाने में एक वर्ष या उससे अधिक समय लग सकता है। बिजनेस टुडे से बात करते वक्त व्यय सचिव मनोज गोविल ने इसकी जानकारी दी।
कर्मचारियों की मांगें और बैठक के मुख्य मुद्दे
हाल ही में केंद्र सरकार ने वेतन आयोग की रूपरेखा को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में कर्मचारी संगठनों ने कई प्रमुख मांगें सरकार के सामने रखीं.
सेवानिवृत्ति और पेंशन लाभ
कर्मचारी संघों ने सरकार से मांग की कि सेवानिवृत्ति के समय पेंशन का जो भाग निकाला जाता है, उसे पंद्रह वर्षों के बजाय बारह वर्षों में पुनः बहाल किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने संसद की स्थायी समिति की सिफारिश को लागू करने की मांग की, जो हर पांच वर्ष में पेंशन की वृद्धि और समीक्षा की सिफारिश करती है।
पुरानी पेंशन व्यवस्था की पुनर्गठन
कर्मचारियों की सबसे महत्वपूर्ण मांगों में से एक थी कि 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों के लिए गैर-अंशदायी पेंशन योजना को पुनः शुरू किया जाए। कर्मचारी संघों ने कहा कि नई अंशदायी पेंशन योजना (NPS) कर्मचारियों को फायदेमंद नहीं है।
न्यूनतम वेतन
कर्मचारी प्रतिनिधियों ने न्यूनतम वेतन निर्धारण प्रक्रिया में बदलाव की मांग की। उनका कहना था कि वर्तमान गणना एक परिवार में तीन सदस्यों के आधार पर की जाती है, लेकिन पांच सदस्यीय परिवारों में इसे बढ़ाना चाहिए। 2022 के कानून माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण से जुड़ा हुआ था, इसलिए यह मांग लागू हुई।
बच्चाें की शिक्षा भत्ता और छात्रावास सब्सिडी
कर्मचारियों ने सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को उच्च शिक्षा में मदद करने के लिए बच्चों की शिक्षा भत्ता और हॉस्टल सब्सिडी को पोस्ट ग्रेजुएट लेवल तक बढ़ाने की मांग की।
अंतरिम राहत और महंगाई भत्ता (DA) को खत्म करना
कर्मचारी संगठनों ने महंगाई भत्ते के पचास प्रतिशत को मूल वेतन में जोड़ने और वेतन आयोग लागू होने से पहले अंतरिम राहत देने की मांग की। उनका दावा था कि पहले के वेतन आयोगों के दौरान भी ऐसा किया गया था, जिससे कर्मचारियों को कुछ पैसा मिलता था।
अधिक कर्मचारियों की आवश्यकता
कर्मचारी संगठनों ने भी ग्रामीण डाक सेवकों और चुनाव आयोग के कर्मचारियों को आठवें वेतन आयोग के दायरे में लाने की मांग की।
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