Insurance Renewal Rules: भारत में कर और बाइक वाहन मालिको के लिए मोटर अधिनियम के तहत कई प्रकार के नियम बनाए गए हैं जो की वाहन मालिकों को मानने अनिवार्य रहते हैं। यदि आप भी वाहन मालिक है तो आज हम आपको मोटर अधिनियम 1988 के तहत बनाए गए नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना जरूरी है इंश्योरेंस खत्म हो जाती है तो उसके बाद आपको उसे रिन्यू करवाना भी बेहद जरूरी रहता है।
यदि आप अपनी इंश्योरेंस को रिन्यू नहीं करवाते हैं तो आपको इंश्योरेंस में मिलने वाली कई प्रकार की सुविधा नहीं मिलेगी इसके अलावा अगर आप बिना इंश्योरेंस के अपने गाड़ियां बाइक चलाते हैं तो उसका आपको महंगा से महंगा जुर्माना ट्रैफिक पुलिस को भुगतना पड़ेगा। इसके अलावा अगर समय रहते ही कार्य बाइक मलिक इंश्योरेंस रिन्यू नहीं करवाते हैं तो उसके लिए भी जमाने का प्रावधान रखा गया है। आपको सजा भी हो सकती है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत अगर आप बिना इंश्योरेंस के अपनी गाड़ी को चलते हैं तो ऐसे में अगर आपको ट्रैफिक पुलिस पकड़ती है आपको ₹2000 का जुर्माना चुकाना पड़ेगा।
वहीं दूसरे बार अगर आपको बिना इंश्योरेंस के पकड़ा गया तो आपको ₹4000 का जुर्माना भुगतना पड़ेगा वहीं 3 महीने की जेल भी हो सकती है। इसीलिए पॉलिसी एंड होते ही बेहतर यही होगा कि आप अपने इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू करवा ले ताकि आपको भारी भरकम का नुकसान ना उठाना पड़े। वही इंश्योरेंस का एक फायदा आपके लिए ही रहता है कि अगर आपकी कार्य बाइक किसी दुर्घटना की शिकार हो जाती है तो आपको नुकसान नहीं होगा क्योंकि ऐसे में इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत आपको उसका मुआवजा मिल जाता है।