8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग पर बड़ी खबर, 65 लाख पेंशनभोगियों को मिला बड़ा झटका
न्यूज हाइलाइट्स
8th Pay Commission: नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने 48 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को निराश करते हुए साफ कर दिया है कि आठवें वेतन आयोग के गठन पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में यह जानकारी साझा की। वर्तमान में महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) की दर 53% तक पहुंच चुकी है। नियमों के तहत, यह दर 50% के पार होने पर वेतन और भत्तों में संशोधन होना चाहिए, लेकिन सरकार इस दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठा रही है।
आठवें वेतन आयोग (Eighth Pay Commission) की मांग को लेकर कर्मचारियों की असंतोषिता
अनेक केंद्रीय कर्मचारी संघों ने सरकार से बार-बार आठवें वेतन आयोग (Eighth Pay Commission) के गठन की मांग की है। कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस आयोग के गठन के लिए एक पत्र भेजा था। इसके अतिरिक्त, इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर एसोसिएशन (IRTSA) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस विषय में कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
राज्यसभा में सांसद जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन ने आठवें वेतन आयोग पर सवाल उठाए, लेकिन वित्त राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह बात पहले भी संसद सत्र के दौरान कही जा चुकी है। भारत पेंशनर समाज (BPS) ने अपने वार्षिक महासभा में प्रस्ताव पारित कर जल्द से जल्द आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग की। संगठन का कहना है कि बढ़ती महंगाई और सरकारी नीतियों के चलते कर्मचारियों और पेंशनर्स पर आर्थिक दबाव बढ़ता जा रहा है।
7वें वेतन आयोग के बाद क्यों जरूरी है 8वां आयोग?
पिछले 10 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था, सरकारी कार्यों, मुद्रास्फीति, और सार्वजनिक उपयोगिताओं में बड़े बदलाव हुए हैं। 7वें वेतन आयोग ने भी सिफारिश की थी कि वेतन आयोग के गठन के लिए 10 साल की अवधि का इंतजार न किया जाए। बावजूद इसके, सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ और अन्य कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस रवैये को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उनका कहना है कि आयोग के गठन में देरी से कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। 2026 से आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग उठाई जा रही है, ताकि कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत मिल सके।
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