हिमाचल की इस एक साल की बेटी ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, किया ऐसा काम कि आ भी होंगे हैरान

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की रहने वाली नन्ही बच्ची शिव्या बालनाटाह ने महज 1 साल 11 महीने और 20 दिन की उम्र में विश्व रिकॉर्ड बनाकर सभी को चौंका दिया है। उपमंडल रोहड़ू के अनद्रेव्ठी गांव की शिव्या ने 40 देशों के झंडों और उनकी राजधानियों की पहचान मात्र 1 मिनट 45 सेकंड में की, जिसके लिए उन्हें मध्य प्रदेश के इंदौर में 12 नवंबर को आयोजित विश्व रिकॉर्ड बुक सम्मेलन में सम्मानित किया गया।

शुरुआत में था एक खेल, बन गया जुनून

शिव्या की इस अद्भुत उपलब्धि का सफर उसकी माता-पिता की प्रोत्साहना से शुरू हुआ। शिव्या की मां आकांक्षा और पिता अभय बालनाटाह ने उसकी तेज बुद्धि और जिज्ञासा को देखते हुए उसे झंडों और राजधानियों के बारे में सिखाना शुरू किया। एक मजेदार गतिविधि के रूप में शुरू हुई यह यात्रा, जल्द ही एक जुनून में बदल गई और आज यह विश्व रिकॉर्ड के रूप में सामने आई।

शिव्या की असाधारण स्मरण शक्ति

इतनी कम उम्र में शिव्या ने झंडों और राजधानियों की पहचान कर याद रखने की अद्भुत क्षमता दिखाई है। उसके माता-पिता के समर्पण और उसके निरंतर अभ्यास ने शिव्या को इस मुकाम तक पहुंचाया है, जिससे यह उपलब्धि और भी खास बन जाती है।

पहले भी मिला है IBR अचीवर का खिताब

यह शिव्या की पहली उपलब्धि नहीं है। इससे पहले इसी साल की शुरुआत में शिव्या ने आकृतियों, वस्तुओं, जानवरों और भावनाओं की पहचान कर अपनी असाधारण संज्ञानात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया था। महज 1 साल 6 महीने की उम्र में उसे ‘IBR अचीवर’ का खिताब भी दिया गया था।

प्रेरणा है शिव्या की कहानी

शिव्या बालनाटाह की कहानी न केवल माता-पिता बल्कि शिक्षकों के लिए भी प्रेरणा है। यह कहानी प्रारंभिक बाल्यावस्था में शिक्षा के महत्व को दर्शाती है और हर बच्चे में निहित संभावनाओं को पहचानने का संदेश देती है। शिव्या की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि जिज्ञासा को सही दिशा में पोषित कर, हर बच्चे की पूरी क्षमता को उजागर किया जा सकता है।

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