Mahila Naga Sadhu: महिला नागा साधु को जीते जी करने पड़ते हैं ऐसे काम, कभी सोच भी नहीं सकते आप!

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Mahila Naga Sadhu: पुरुषों के अलावा महिलाएं भी नागा साधुओं की बिरादरी में हैं, जिन्हें Mahila Naga Sadhu कहा जाता है। नागा साधुओं का जीवन कठिन साधना और तप से भरपूर होता है। पुरुष नागा साधुओं से उनका जीवन थोड़ा अलग है क्योंकि उन्हें कुछ विशिष्ट नियमों का पालन करना होता है। इनकी दुनिया बहुत रहस्यमय है। Mahila Naga Sadhu का नाम सुनते ही कई लोगों के मन में यह सवाल उठता होगा कि क्या वे भी बिना कपड़े रहते हैं? आपको बता दें कि उनकी दुनिया का बहुत खतरनाक काला सच है। इस लेख में आज हम आपको इनकी रहस्यमयी दुनिया बताते हैं। 

Mahila Naga Sadhu की रहस्यमयी दुनिया

1. Mahila Naga Sadhuओं को पुरुषों की तरह निर्वस्‍त्र नहीं रहना पड़ता.  वे गेरुए रंग का बिना सिला वस्‍त्र पहनती हैं. उन्हें केवल एक ही वस्त्र पहनने की अनुमति होती है, और वे तिलक लगाकर और जटाएं धारण कर अपनी पहचान बनाती हैं. 

 

2. नागा साधु बनने की प्रक्रिया बेहद कठिन और लंबी होती है.  Mahila Naga Sadhu बनने से पहले उन्हें 6 से 12 साल तक कठिन ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है.  इस दौरान उन्हें गुफाओं, जंगलों और पहाड़ों में रहकर साधना करनी पड़ती है.  इस कठिन साधना और तप के बाद ही गुरु उन्हें नागा साधु बनने की अनुमति देते हैं. 

3. दीक्षा से पहले उन्हें अपना सिर मुंडवाना पड़ता है, जो उनके लिए एक दर्दनाक प्रक्रिया होती है. इसके बाद, वे अपने पुराने जीवन को पूरी तरह त्याग देती हैं और सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाती हैं.  

4. Mahila Naga Sadhu बनने के लिए एक और महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, जीते जी अपना पिंडदान करना.  हिंदू धर्म में पिंडदान आमतौर पर मरने के बाद परिवारजन करते हैं, लेकिन Mahila Naga Sadhuओं को यह प्रक्रिया अपने जीवन में ही करनी पड़ती है. इसका अर्थ है कि वे अपने पुराने जीवन का अंत कर एक नए जीवन की शुरुआत करती हैं. 

5. Mahila Naga Sadhu आमतौर पर दुनिया से दूर एकांत में जीवन बिताती हैं और केवल कुंभ जैसे विशेष अवसरों पर ही पवित्र नदियों में स्‍नान करने के लिए दुनिया के सामने आती हैं.  

6. Mahila Naga Sadhuओं को समाज में बहुत सम्मान मिलता है और उन्हें ‘माता’ कहकर संबोधित किया जाता है. उनका जीवन त्याग, तपस्या और भक्ति का प्रतीक है, जो हमें धैर्य और समर्पण की प्रेरणा देता है. 

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