Himachal Cloudburst: शवों की पहचान करना एक बड़ी चुनौती, 37 लोगों के लिए गए सैंपल

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

​शिमला: Himachal Cloudburst: समेज त्रासदी में लापता 36 लोगों के परिजनों (reletives) के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। डीएनए जांच के बाद ही शवों की पहचान हो सकेगी। पुलिस ने 37 लोगों को गिरफ्तार किया है।शिमला क्षेत्र से लापता 33 और कुल्लू क्षेत्र से 3 लोगों के परिवार इस त्रासदी में शामिल हैं। अब तक पांच शव बरामद हुए हैं। सभी शवों को पोस्टमार्टम (postmartam) के लिए भेज दिया गया है और डीएनए सैंपल फोरेंसिक लैब भेजे गए हैं। डीएनए टेस्ट के बाद ही शवों की पहचान हो सकेगी।

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि शव काफी सड़ी-गली अवस्था में मिले हैं और शवों की पहचान (identity) करना चुनौती भरा था। इसलिए फैसला लिया गया है कि सभी शवों का डीएनए मैच करवाया जाएगा। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि शव कहां के हैं। ऐसे में जल्द से जल्द डीएनए टेस्ट (dna test ) के निर्देश दिए गए हैं। 85 किलोमीटर क्षेत्र में चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन में अब तक पांच शव बरामद हुए हैं। पहला शव चार अगस्त की सुबह सुन्नी डैम क्षेत्र में बरामद हुआ था। इसके बाद शाम को नोगली के पास डकोलढ़ में दो शव बरामद हुए। सोमवार को सुन्नी डैम के पास डोगरी में दो शव बरामद हुए।इनमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

(Eight ) एलएनटी मशीनों की तैनाती सर्च ऑपरेशन में आठ एलएनटी मशीनें लगाई गई हैं।सर्च ऑपरेशन के पांचवें दिन सुबह छह बजे से ही मशीनें मलबा खोदने में जुट गईं।खोजी कुत्तों, लाइव डिटेक्टर डिवाइस और स्थानीय लोगों की मदद से तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। कुछ ही दिनों में पुल बनकर तैयार हो जाएगा। अनधिकृत संदेशों को वित्तीय सहायता (financial help) न दें । सर्च ऑपरेशन के दौरान बिजली के खंभों को जोड़कर एक अस्थायी पुल तैयार किया गया है। इस पुल के बनने के साथ ही खड्ड के दूसरी तरफ भी सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है।उपायुक्त अनुपम कश्यप ने लोगों से अपील की है कि समागे त्रासदी के नाम पर सोशल मीडिया पर अनाधिकृत संदेशों के माध्यम (medium) से किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद न करें। इच्छुक दानकर्ता मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में अपना योगदान दे सकते हैं। इसके अलावा एसडीएम रामपुर के कार्यालय से संपर्क करके भी मदद की जा सकती है।

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