IncomeTax free State ll यह है देश का इनकम टैक्‍स फ्री राज्‍य, सालाना करोड़ों रुपये कमाने वाले को भी नहीं देना पड़ता एक रुपया टैक्‍स

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

IncomeTax free State ll देश में आईटीआर (income tax return) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। जिन लोगों की आय आयकर दायरे में आती है, उनके लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है।आयकर अधिनियम, 1961 आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य बनाता है।लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा राज्य (state) भी है जिसे अपनी आय पर किसी भी तरह का आयकर नहीं देना पड़ता है। इस राज्य के लोग भले ही सालाना करोड़ों रुपए कमाते हों, लेकिन आयकर विभाग (income tax department) उनसे आयकर के रूप में 1 रुपया भी नहीं वसूल सकता। जानिए क्या है वजह.

यह एक कर-मुक्त राज्य है। नई व्यवस्था के तहत सात लाख रुपये तक की आय वाले भारतीय नागरिकों (Indian citizens) को कोई आयकर नहीं देना होगा। लेकिन भारत में एक ऐसा राज्य भी है जहां के 95 प्रतिशत निवासियों को करोड़ों रुपए कमाने के बावजूद एक भी पैसा आयकर के रूप में नहीं देना पड़ता। यह राज्य है सिक्किम। स्वतंत्रता (freedom) के बाद से सिक्किम के मूल निवासियों को आयकर से छूट दी गई है। हालाँकि, अब देश में सिक्किम के लोगों को आयकर भुगतान से दी जाने वाली छूट को रोकने की भी मांग हो रही है। कई लोगों का कहना है कि सिक्किम निवासियों (citizens ) को दी गई इस छूट का बाहरी लोग भी आयकर से बचने के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं।

कुछ लोग इसे भारत का कर-स्वर्ग कहते हैं।संविधान के अनुच्छेद 371-एफ के अंतर्गत पूर्वोत्तर राज्यों को विशेष दर्जा प्राप्त है।सिक्किम के मूल निवासियों को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (26AAA) के अंतर्गत आयकर से छूट प्राप्त है। यानी राज्य के लोगों को अपनी आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के फैसले के बाद सिक्किम की 95 प्रतिशत आबादी को स्वदेशी माना गया है।इससे पहले केवल सिक्किम विषय प्रमाण पत्र धारकों और उनके वंशजों को ही मूल निवासी माना जाता था। उन्हें सिक्किम नागरिकता संशोधन (amendment) आदेश, 1989 के तहत भारतीय नागरिक बनाया गया। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में 26 अप्रैल 1975 (सिक्किम के भारत में विलय से एक दिन पहले) तक सिक्किम में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को भी सिक्किम (Sikkim) के मूल निवासी का दर्जा दिया है।

विलय की शर्तों में आयकर (income tax) छूट भी शामिल थी। ऐसा माना जाता है कि सिक्किम की स्थापना 1642 में हुई थी।सिक्किम 1975 में पूर्णतः भारत में एकीकृत हो गया।1950 में भारत-सिक्किम शांति समझौते के तहत सिक्किम भारत के संरक्षण में आ गया। सिक्किम के शासक चोग्याल ने वर्ष 1948 में सिक्किम आयकर मैनुअल जारी किया था। यह राज्य के लोगों से किसी भी तरह से आयकर नहीं लेने के बारे में था।भारत के साथ विलय में आयकर छूट की शर्त भी शामिल थी, जिसे भारत ने भी स्वीकार (accept) कर लिया। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) के तहत सिक्किम के मूल निवासियों को आयकर से छूट प्रदान की गई।

सिक्किम निवासियों की कर-मुक्त स्थिति को समाप्त (finish) करने की मांग भी समय-समय पर उठती रही है। भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय तो सिक्किम को टैक्स हेवन तक कहते हैं।आयकर छूट के दुरुपयोग की खबरें आ रही हैं। सिक्किम के लोगों के नाम पर बड़ी संख्या में डीमैट खाते खोले जाने का भी मामला (matter)सामने आया है।

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