Old Pension Scheme: ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने वाले राज्यों को आरबीआई की चेतावनी, 4.5 गुना बढ़ जाएगा राज्यों का पेंशन खर्च

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Old Pension Scheme: हाल ही में कई राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की गई है, इसलिए ये आने वाले विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। सत्ता में आने पर प्रदेश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने का ऐलान किया है। लेकिन आरबीआई बुलेटिन में छपे एक लेख में कहा गया है कि पुरानी पेंशन स्कीम को अपनाने पर राज्यों की वित्तीय हालत खराब हो सकती है। सरकारों का पेंशन बोझ, नई पेंशन योजना से 4.5 गुना अधिक हो सकता है, पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने के बाद।

OPS प्रभावों पर आरबीआई की जांच
आरबीआई का विचार नहीं है, लेकिन सितंबर महीने के लिए जारी किए गए आरबीआई बुलेटिन में एक लेख में ओपीएस के प्रभावों पर अध्ययन किया गया है। लेख में कहा गया कि पिछले सौ वर्षों में पेंशन में सुधार हुआ, जिसमें अधिकांश राज्यों ने नेशनल पेंशन सिस्टम को अपनाया, जिसमें पेंशन पाने के लिए योगदान करना होता है। लेकिन ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग हाल ही में तेज हो गई है, जिससे कुछ राज्यों ने इसे अपने यहां भी लागू कर लिया है।

Old Pension Scheme: हाल के दिनों में राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ पंजाब ने ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से अपने राज्यों में बहाल कर दिया है.
Old Pension Scheme: हाल के दिनों में राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ पंजाब ने ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से अपने राज्यों में बहाल कर दिया है.

बुलेटिन ने एनपीएस में राज्यों के योगदान और सभी राज्यों के ओल्ड पेंशन स्कीम अपनाने पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभावों पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभावों को अध्ययन किया है। TD ने पाया कि ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से अपनाने पर राज्यों के पेंशन खर्च में कुछ समय में कमी आएगी, लेकिन बाद में अनफंडेड पेंशन देनदारियों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। 2030 तक, राज्यों के NPS में दिए जाने वाले योगदान ओल्ड पेंशन स्कीम से अधिक हो जाएगा।

2060 तक, GDP का 0.9% पेंशन खर्च होगा
RBI की एक अध्ययन के अनुसार, एनपीएस के तहत अनुमानित पेंशन खर्च का लगभग 4.5 गुना बढ़ जाएगा अगर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी। 2060 तक, चलते खजाने पर ओल्ड पेंशन स्कीम का बोझ बढ़कर जीडीपी का 0.9 प्रतिशत हो जाएगा।

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