विशेष होते हैं पितृ पक्ष में जन्‍मे बच्‍चे, पैदाइशी भाग्‍यवान होने के पीछे ये है वजह

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

Pitru Paksha me janme bachhe kaise hote hain: 15 दिन के पितृ पक्ष के दौरान, पितरों की आत् मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि किया जाता है। भाद्रपद मास की पूर्णिमा से अश्विन मास की अमावस् या तक पितृ पक्ष चलता रहता है। 29 सितंबर 2023 से श्राद्ध, या पितृ पक्ष, शुरू होगा और 14 अक्टूबर 2023 तक चलेगा। श्राद्ध के दौरान कई शर्तों का पालन किया जाता है। यह भी समय है जब लोग अपने पूर्वजों को याद करेंगे। ज् योतिष शास् त्र में बच्चों का जन् म पितृ पक्ष में होना बहुत खास माना जाता है। 15 दिनों के श्राद्ध पक्ष के दौरान पैदा होने वाले बच्चे विशिष्ट होते हैं और उनकी पर्सनालिटी भी अलग होती है।

बच्चे का जन्म पितृ पक्ष में होना ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत शुभ है। श्राद्ध के दौरान जन्मे बच्चे बहुत रचनात्मक होते हैं और अपनी कला से बहुत सम्मान प्राप्त करते हैं। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में जन् मे बच्चों पर पिता का विशेष आशीर्वाद रहता है, इसलिए वे अपने जीवन में खूब तरक् की करते हैं। साथ ही, ये बच्चे अपने परिवार को खुशी और समृद्धि देते हैं। ये बच्चे अपने परिवार के लिए बहुत भाग्यशाली हैं और उनकी किस्मत भी चमकाते हैं।

कुल के पूर्वज होते हैं ये बच्‍चे 
पितृ पक्ष में जन्मे हुए बच्चों को अपने कुल के पूर्वज मानते हैं। यानी कि फिर से अपने ही परिवार में जन्म लेते हैं। इसलिए इन बच्चों की शक् ल-सूरत या आदतें अक्सर उनके परिवार के पूर्वजों से मिलती हैं। पितृ पक्ष में जन् मे बच् चे अपनी उम्र से अधिक समझदार होते हैं। वे कम उम्र में ही बुद्धिमान और बुद्धिमान बन जाते हैं और परिवार में सम्मान का कारण बनते हैं। ज् योतिष कहता है कि पितृ पक्ष में जन् मे बच् चों का भविष् य अच् छा होगा। जिस भी क्षेत्र में वे नाम कमाते हैं, वे बहुत अमीर बन जाते हैं। उन्हें प्रशंसा भी मिलती है। लेकिन चंद्रमा पितृ पक्ष में जन्मे बच्चों की कुंडली में कमजोर होता है। इसके परिणामस्वरूप वे दुखी और निराश हो जाते हैं। चंद्रमा को मजबूत करने के लिए ज्योतिषीय उपाय करना बेहतर होता है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Patrika News Himacal इसकी पुष्टि नहीं करता है

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