Himachal Politics || लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल में कांग्रेस को बड़ा झटका, 6 बागी विधायकों समेत 3 निर्दलीय MLA ने थामा भगवा झंडा
न्यूज हाइलाइट्स
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस से बाहर निकले छह विधायकों ने बीजेपी को जॉइन कर लिया हुआ है। दिल्ली में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में छह बागी विधायकों को पटका पहनाकर पार्टी में शामिल किया। इन बागी विधायकों ने हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट डाला था। बाद में सभी छह विधायकों को स्पीकर ने बर्खास्त कर दिया। अब बीजेपी में धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजिंदर राणा, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो शामिल हो गए हैं।
भाजपा में शामिल होने के बाद हिमाचल प्रदेश के बागी विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि विधायक होने का क्या मतलब है जब हम अपने लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं कर पा रहे हैं। हमारे राज्य के नागरिक हर्ष महाजन को इसलिए राज्यसभा चुनाव में वोट दिया। आज प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छा से भाजपा में शामिल हो गया है। जब आपके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचे और आपकी बात सुनने वाला कोई नहीं हो तो ऐसी जगह पर नहीं रहना चाहिए।
राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को वोट दिया
हिमाचल प्रदेश में 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हुए। भाजपा ने हर्ष महाजन को प्रत्याशी बनाया और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को। चुनाव से पहले, CM सुक्खू ने कांग्रेस के पास 40 विधायकों का दावा किया था। कांग्रेस से भाजपा में आए हर्ष महाजन को बीजेपी ने राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया, जो छह कांग्रेसी विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से 34 वोट जीता।
बता दें कि तीन निर्दलीय विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस्तीफे को मंजूर नहीं किया गया है। इस दौरान राज्य सभा सांसद हर्ष महाजन के अलावा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, पार्टी अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल, अरुण सिंह भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के बागी नेताओं ने विधानसभा की सदस्यता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने स्टे से इंकार कर दिया था, साथ ही इस पर सुनवाई भी जारी है। संभावना जताई जा रही है कि भगवा चोला पहनने के बाद कांग्रेस के बागी शीर्ष अदालत से अपनी याचिका को वापस भी ले सकते हैं।