Supreme Court || हिमाचल कांग्रेस के बागी नेताओं को सुप्रीम कोर्ट से झटका, अयोग्य ठहराने के फैसले पर नहीं लगी रोक

Last Updated:
न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

​शिमला: हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस से छह बागी नेताओं को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने आज यानि सोमवार को बागी विधायकों की याचिका पर सुनावाई करते हुए अपना फैसला सुनाया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल के छह बागी नेताओं को अगोग्य ठहराने के फैसले पर पूरी तरह से रोक लगाने से इंकार कर दिया हुआ है। इससे बागी नेताओं को बड़ा झटका लगा हुआ है। इसके आलावा कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा बनने और मतदान करने की इजाजद देने पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी हुई है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिमाचल प्रदेश में राज्य सभा चुनावों के दौरान क्रोट वोटिंग करने पर छह विधायकों को अयोग्य घो​षित किया हुआ था। जिसके बाद सभी बागी विधायकों कने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया हुआ था। इस मामले में बागी नेताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने मामला अदालत में पेश किया। सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की याचिका पर स्पीकर के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उप चुनाव घोषित हो गए हैं, ऐसे में आपकी याचिका इंफैक्चुएस (सुनवाई योग्य नहीं रह जाना) हो गई है. कोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब तलब किया है वहीं अगली सुनवाई 6 मई को होगी.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की अयोग्यता को चुनौती देते हुए छह कांग्रेस विधायकों ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया। वे बजट सत्र में उपस्थित नहीं थे, इसलिए अयोग्य ठहराए गए। साथ ही, बागी नेताओं ने बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार के पक्ष में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग भी की थी। छह विधायकों को अयोग्य ठहराया गया था: राजिंदर राणा, सुधीर शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल, देविंदर कुमार भुट्टू, रवि ठाकुर और चेतन्य शर्मा।