The 5 Daughters of Lord Shiva || कौन हैं शिव जी 5 बेटियां ? जिनसे माता पार्वती भी थीं अनजान , शिव की पांच नाग कन्याओं का जन्म?

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

The 5 Daughters of Lord Shiva ||  भारत में हर कोई भगवान शिव और माता पार्वती को पूजता है। क्या आप जानते हैं कि महादेव ने पांच पुत्र भी थे? मिथिला की लोक कहानियों में कहा जाता है कि ये पांचों पुत्रियां नाग के रूप में भगवान शिव का अंश थीं। सावन महीने में इन नागकन्याओं की पूजा की जाती है। माना जाता है कि उनकी पूजा करने से सांप डसने का भय दूर होता है। प्रचलित लोककथाओं के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती की मुख्यतः तीन संतानें थीं: कार्तिकेय, गणेश और अशोक सुंदरी। हालाँकि, रामायण की तरह शिवभक्तों में भी भगवान शिव की संतानों पर मतभेद हैं। कुछ लोगों का मानना है कि शिव-पार्वती ने अयप्पा नामक एक पुत्र और ज्योति नामक एक पुत्री भी थीं। भक्तों ने शिव परिवार में एक पुत्री मनसा का नाम भी बताया है। यदि सभी मान्यताओं को ध्यान में रखकर देखा जाए तो शिव-पार्वती के तीन पुत्र और तीन पुत्रियां थीं।

लोक-मान्यताओं के अलावा पुराणों में भी कहीं-कहीं भिन्नता है। संक्षिप्त शिवपुराण में कहा गया है कि शिव ने कार्तिक, गणेश और अंधक नामक तीन पुत्रों को जन्म दिया था। कुछ लोगों का मानना है कि भगवान शिव ने भी भौम, खुजा और जलंधर को जन्म दिया था।

दूसरी ओर, शिव-परिवार पर रामायण की तरह कई लोककथाएं भी प्रचलित हैं। मिथिला में बहुत प्रसिद्ध मधुश्रावणी व्रत कथा में शिव की पांच नाग कन्याओं का वर्णन है। कहा जाता है कि शिव और पार्वती एक बार सरोवर के निकट चले गए। देवाधिदेव को सुंदर सरोवर बहुत अच्छा लगा, इसलिए उन्होंने पार्वती के साथ वहाँ जलक्रीड़ा करने का विचार बनाया। शिव ने सरोवर में स्नान करते समय अपने शरीर से ऊर्जा निकाली। शिव ने अपनी ऊर्जा एक पत्ते पर डाली। इस ऊर्जा ने पांच नागों को जन्म दिया।

इन कन्याओं को जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतलि नाम दिया गया था। इन नाग कन्याओं के जन्म के कुछ समय बाद तक पार्वती इस बारे में नहीं जानती थीं। शिव सुबह वन में जाकर अपनी नाग जैसी बेटियों से खेलते थे। जब माता पार्वती एक दिन छिपकर वन में पहुंचीं और महादेव को नाग कन्याओं के साथ खेलते देखा, तो वे बहुत नाराज़ हो गईं। पार्वती  ने नागकन्याओं को पैर के नीचे दबाकर मारने की कोशिश की। भगवान शिव ने माता पार्वती को रोका और सब कुछ कहा। उसने भी पांचों कन्याओं को वरदान दिया कि वे सावन मास की शुक्ल पक्ष पंचमी पर पूज जाएंगे।

एक और कहानी कहती है कि शिव और पार्वती एक बार एक सरोवर में ध्यान कर रहे थे। ध्यान में रहते हुए शिव अचानक धीरे से मुस्कराए। उसकी मुस्कान से सरोवर में पांच मोती गिरे। पांच नाग कन्याओं ने ये पांच मोती बदल दिए। ध्यान में मग्न पार्वती इसके बारे में कुछ भी नहीं जानती थी। बाद में वे शिव को वन में इन पांच नाग कन्याओं के साथ खेलते देखा और उनके बारे में पता चला।

  • पौराणिक कथा की माने तो एक बार भगवान शिव और माता पार्वती सरोवर में जल क्रीड़ा कर रहे थे.
  • संयोगवश इस दौरान भगवान शिव का वीर्यस्खलन हो गया. उन्होंने अपने वीर्य को पत्तों पर रख दिया.
  • उस वीर्य से उनकी पांच पुत्रियां हुईं. लेकिन उनका जन्म मनुष्य रूप में न होकर नाग रूप में हुआ.
  • लेकिन भगवान शिव को सब पता था वे उनसे गणेश और कार्तिकय की तरह स्नेह रखते थे.
  • फिर एक दिन जब माता पार्वती को शक हुआ कि भगवान शिव किन नाग कन्याओं के साथ खेलते हैं.
  • जब माता पार्वती ने उन नाग कन्याओं को मारने की कोशिश की तब भगवान शिव ने उन्हें सारी कथा बताई.
  • भगवान शिव ने कहा कि ये आपकी ही पुत्रियां हैं. जिसके बाद माता ने भी उन्हें स्वीकार कर लिया.
  • भगवान शिव की इन नाग कन्याओं का नाम जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतलि हैं.

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