Weather Alart Himachal || हिमाचल में फिर करवट बदलेगा मौसम, कई भागों में दो दिनों तक बारिश-बर्फबारी की संभावना

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सारांश:

Weather Alart Himachal || हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मौसम के अगर बात करें तो यहां का मौसम (weather) एक बार फिर से बिगड़ गया है। मौसम विज्ञान केंद्र (weather science centre) से मिली जानकारी के अनुसार अगले कुछ दिनों में मौसम बहुत खराब रहेगा जिसके कारण बारिश (rainfall) और बर्फबारी (snowfall) होने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश में मौसम (weather) फिर बिगड़ गया है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते राज्य के कई भागों में बारिश (rain)  और बर्फबारी (snowfall) के आसार बने हुए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के मैदानी, मध्य व उच्च पर्वतीय (high altitude) कई क्षेत्रों में 6 व 7 मार्च को बारिश-बर्फबारी (rain & snowfall) की संभावना है।

अच्छी और साथ 2 तारीख को होने वाले बारिश और बर्फबारी होने से पहले ही आज से ही मौसम खराब होना शुरू हो चुका है। आज भी शिमला (Shimla ) सहित  प्रदेश के अन्य जिलों में भी मौसम खराब बना रहा। अन्य भागों में मौसम खराब बना हुआ है। हालांकि मौसम विज्ञान केंद्र (weather forecast shimla) शिमला के अनुसार 8 व 9 मार्च को सभी क्षेत्रों में मौसम साफ रहने के आसार हैं। वहीं,  वही आने वाले दिनों में 10 व 11 मार्च को मध्य व उच्च पर्वतीय कुछ स्थानों पर फिर से बारिश-बर्फबारी हो सकती है। उधर, कुछ इलाकों में बीते दिनों हुई भारी बर्फबारी (havey snowfall ) के कारण लोग अभी तक भी परेशानियों से जूझ रहे हैं और कई राज्यों में सड़के (roadr)  बुरी तरह से बंद है  बीते दिनों हुई बर्फबारी से अभी भी सैकड़ों (hundred) सड़कें बाधित हैं।

रापे गांव के लोगों ने तीन फुट बर्फ के बीच तीन किमी तक बनाया रास्ता

जनजातीय  (tribal) क्षेत्रों किन्नौर, पांगी, लाहौल-स्पीति (lahul Spiti) में बर्फबारी के बाद दुश्वारियां बढ़ गई हैं। जनजातीय क्षेत्र लाहौल घाटी में तीन दिनों तक लगातार हुई भारी बर्फबारी से जनजीवन ( life) अभी भी अस्त-व्यस्त है। एक से दूसरे गांव तक पहुंचना काफी मुश्किलों (difficulties) भरा है।  इस बीच सोमवार को जोबरंग पंचायत के रापे (rope) गांव के लोगों ने खुद बेलचा उठाया और बर्फ के बीच आवाजाही के लिए पैदल रास्ता (road) बनाया।  इससे विशेषकर स्कूल के बच्चों को परेशानी हो रही है। बर्फ के बीच कई किमी बर्फ में रास्ता खोलकर विद्यार्थी परीक्षा केंद्रों (examination centre) तक पहुंच रहे हैं।

छितकुल गांव  में चार फुट बर्फ में डेढ़ किलोमीटर (one & half kilometre ) तक बनाया रास्ता।  उधर पांगी घाटी का संपर्क शेष विश्व(rest world ) से कटा हुआ है ना ही बाय उदयपुर  (udaipur) से मनाली और न ही बाय पाडर किश्तवार (paddar kishtwar ) जम्मू मार्ग पर भी आवाजाही बंद है इस कारण  पांगी घाटी से बाहर आने वाले लोगों के लिए कठिनाई बनी हुई है। जब तक रास्ता नहीं खुलता है तब तक इस क्षेत्र के लोगों को इलाज (treatment ) या अन्य चीजों के लिए घाटी से बाहर आना मुश्किल है। जनजातीय जिले किन्नौर में भारी बर्फबारी के पांच दिन बीत जाने के बाद भी जनजीवन अस्त-व्यस्त ( disturbed) है। तिब्बत सीमा से सटे छितकुल गांव में चार फुट (four feet) बर्फबारी होने से स्कूल जाने के लिए रास्ता बंद हो गए हैं  ऐसे में लोग खुद ही रास्ता बनाकर स्कूलों (schools) तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।